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अखाड़ा परिषद ने जल्द से जल्द धर्मांतरण कानून लाने की उठाई मांग, कहा...

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने धर्मांतरण के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. नरेंद्र गिरी ने कहा कि यूपी में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना जरूरी है.

Updated on: 22 Nov 2019, 01:08 PM

प्रयागराज:

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने धर्मांतरण के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. नरेंद्र गिरी ने कहा कि यूपी में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनना जरूरी है. स्टेट लॉ कमीशन की रिपोर्ट का किया स्वागत. रिपोर्ट पर जल्द अमल कर कानून बनाने की सीएम योगी से की मांग. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद की तरफ से व्यक्तिगत तौर पर सीएम से जल्द मिलकर कानून बनाने की मांग करेंगे.

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उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई मिशनरी और मुस्लिम संगठन बड़े पैमाने पर हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गरीब और कमज़ोर हिंदुओं को लालच देकर, फुसला कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. कानून आने के बाद धर्म परिवर्तन पर लगेगा अंकुश.

धर्म परिवर्त नहीं घरवापसी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने कहा कि हिंदू धर्म में आना धर्म परिवर्त नहीं है. बल्कि वह घर वापसी है. हम धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि घर वापसी करवाते हैं. जिन हिंदुओं लालच देकर बहला बहला फुसला का धर्म परिवर्तन किया गया है उन्हीं की घर वापसी होती है. धर्म परिवर्तन करवाना मुस्लिम और ईसाई संगठनो का काम है.

आयोग ने सौंपी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक आयोग ने गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ को एक रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में धर्मांतरण जैसे गंभीर मुद्दे पर नया कानून बनाने की शिफारिश की गई है. आयोग की सचिन सपना त्रिपाठी का कहना है कि धर्म की स्वतंत्रता (विधेयक के मसौदे सहित)—‘उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019' (Uttar Pradesh Religious Freedom Bill 2019) नामक रिपोर्ट आयोग की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है.

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आयोग के अद्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल एवं सपना त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी को रिपोर्ट सौंपी है. जानकारी के मुताबिक आजादी के पहले और बाद के देश और पड़ोसी देशों मसलन नेपाल, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कानूनों का अध्ययन किया गया है. इन कानूनों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार के विचार के लिए सौंपी गई है.