Som Pradosh vrat 2025: हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. ये तिथि अगर सोमवार के दिन पड़े तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. सोम प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. खासतौर पर ये दिन भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित होता है और इसे करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है. सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है और चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है. भगवान शिव को चंद्रशेखर भी कहा जाता है क्योंकि उनके मस्तक पर चंद्रमा का वास है. सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की आराधना करने से मानसिक शांति और आत्मिक संतोष मिलता है. जो भी जातक इस दिन व्रत रखते हैं ऐसा माना जाता है कि उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उन पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है.
सोम प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ, कृष्ण त्रयोदशी तिथि जनवरी 26 को रात 08:54 पी एम से प्रारंभ हो चुकी है जो जनवरी 27 को रात 08:34 पी एम तक रहेगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार जनवरी 27, 2025, सोमवार के दिन सोम प्रदोष व्रत की पूजा शाम 05:56 पी एम से 08:34 पी एम बजे के बीच की जाएगी. ये 02 घंटे 38 मिनट का समय पूजा के लिए पंचांग के अनुसार सबसे उत्तम माना गया है.
व्रत की विधि और पूजा
सोम प्रदोष व्रत में प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. दिनभर निराहार रहकर भगवान शिव का ध्यान किया जाता है. प्रदोष काल, यानी सूर्यास्त से लगभग 1.5 घंटे पहले भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूजा में बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन, गंगाजल, और दीपक का उपयोग किया जाता है. भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी की भी पूजा की जाती है.
सोम प्रदोष व्रत के लाभ की बात करें तो ये व्रत आर्थिक समस्याओं को दूर करता है और जीवन में धन का आगमन करता है. भगवान शिव की कृपा से इस व्रत के प्रभाव से स्वास्थ्य में सुधार होता है. जिन दंपतियों के वैवाहिक जीवन में समस्याएं हैं, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी होता है. निःसंतान दंपतियों के लिए प्रदोष व्रत विशेष रूप से फलदायी होता है और पापों का नाश करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)