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Shravan Amavasya 2022 Upay: आज है सावन महीने की हरियाली अमावस्या, पितृ दोष से मुक्ति के लिए तुरंत करें ये उपाय... सुख समृद्धि के साथ बढ़ेगा मान सम्मान

Shravan Amavasya 2022 Upay: पितृदोष शांति के लिए हरियाली अमावस्या तिथि बेहद खास मानी जाती है. ज्योतिष मान्यता के अनुसार गुरु पुष्य योग में पितरों के निमित्त तर्पण अत्यंत पुण्य देने वाला होता है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है.

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Gaveshna Sharma
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Shravan Amavasya 2022 Upay

हरियाली अमावस्या पर दीपक दिलाएंगे पितृ दोष से मुक्ति, बढ़ेगा सम्मान ( Photo Credit : News Nation)

Shravan Amavasya 2022 Upay: सावन के महीने में प्रकृति चारों तरफ हरियाली की चादर ओढ़ लेती है,यही वजह है कि इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन पेड़-पौधे लगाने और उनका पूजन करने का भी बहुत महत्व है. हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है इसलिए तो हमारे ऋषि-मुनियों ने पर्यावरण को संरक्षित करने की दृष्टि से पेड़-पौधों में ईश्वरीय रूप को स्थान देकर उनकी पूजा का विधान बनाया है. इसके अलावा पितृदोष शांति के लिए भी हरियाली अमावस्या तिथि बेहद खास मानी जाती है. इस बार हरियाली अमावस्या के दिन यानी 28 जुलाई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र और उसके बाद पुष्य नक्षत्र है, इसलिए इस दिन गुरु पुष्य का शुभ योग भी बन रहा है. ज्योतिष मान्यता के अनुसार गुरु पुष्य योग में पितरों के निमित्त तर्पण अत्यंत पुण्य देने वाला होता है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि हरियाली अमावस्या पर कुछ उपाय करने से जीवन में प्रसन्नता और संपन्नता आती है.

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शिव-पार्वती की पूजा
इस दिन विशेष तौर पर शिव-पार्वती के पूजन करने से उनकी सदैव कृपा बनी रहती है और प्रसन्न होकर वे अपने भक्तों की हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण करते हैं. कुंवारी कन्याएं इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है. इसके अलावा सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है जिन लोगों की कुंडली में कालसर्पदोष,पितृदोष और शनि का प्रकोप है वे हरियाली अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक,पंचामृत या रुद्राभिषेक करें तो उन्हें लाभ होगा.

पौधरोपण
भविष्य पुराण में उल्लेख है कि जिनको संतान नहीं है उनके लिए वृक्ष ही संतान है. जो मनुष्य वृक्ष लगते हैं उनके लौकिक-परलौकिक कार्य वृक्ष ही करते हैं. नारद पुराण के अनुसार के अनुसार इस दिन देवपूजा के साथ वृक्षारोपण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है. धर्मग्रंथों के अनुसार अच्छी सेहत पाने के किए नीम का पौधा लगाएं. संतान के लिए केले का पौधा, सुख-शांति-समृद्धि के लिए तुसली और लक्ष्मी प्राप्ति की इच्छा हो तो आंवले का पौधा लगाना शुभ माना गया है. पीपल लगाने से पितृ दोष दूर होकर लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है इसी प्रकार वटवृक्ष मोक्ष प्रदान करता है. शिवजी और गणेशजी का प्रिय वृक्ष सभी रोगों का नाश करता है. अशोक लगाने से जीवन के समस्त शोक दूर होते हैं एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए अर्जुन, नारियल, बरगद(वट) का वृक्ष लगाएं.

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पितृ दोष से मुक्ति
कुंडली में पितृदोष होने से जीवन में बहुत कष्ट आते हैं, मांगलिक कार्यो में बाधाएं आती है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन-पूजा,श्राद्ध,तर्पण आदि करने के लिए तो हरियाली अमावस्या श्रेष्ठ तिथि होती है. इस दिन पितरों के निमित्त सुयोग्य पात्र को दान देने से पितर खुश होते हैं, इनके प्रसन्न रहने से घर में खुशहाली आती है.

दीपदान
अग्नि पुराण के अनुसार जो मनुष्य इस दिन मंदिर अथवा नदियों के किनारे दीप दान करता है उसके घर में सुख समृद्धि आती है. इसी प्रकार चार्तुमास में मंदिर या पवित्र नदियों के किनारे दीप दान करने वाला मनुष्य विष्णु लोक को प्राप्त होता है. इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि जब तक दीपक जलता है, तब तक भगवान स्वयं उस स्थान पर उपस्थित रहते है, इसलिए वहां पर मांगी गई मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं.

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