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Chanakya Niti About Enemy: कभी न लें इन लोगों से दुश्मनी, मौत को मिलता है न्योता और होती है धन हानि

चाणक्य (acharya chanakya) ने जीवन में कुछ लोगों से कभी दुश्मनी मोल न लेने के लिए कहा है. इनसे बैर करने का मतलब खुद को मुसीबत में डालना होता है. यदि किसी ने इनसे बुराई लेने की जुर्रत की तो उसे मात मिलना निश्चित है.

Updated on: 28 Jul 2022, 10:01 AM

नई दिल्ली:

चाणक्य ने नीति शास्त्र (chanakya niti) में जीवन के बहुत से पहलुओं के बारे में बताया है. उन्होंने दोस्तों और दुश्मनों को परखने के लिए कई नीतियां बताई है. उनका कहना है कि कामयाबी हासिल करना आसान नहीं, सफलता की राह में कब कौन व्यक्ति रोड़ा बन जाए. कुछ नहीं कह सकते. वैसे तो उनका मानना है कि शांति से जीवन बिताने के लिए किसी भी विवाद (three enemy) में नहीं पड़ना चाहिए. लेकिन, जाने- अनजाने में बहुत से लोगों का मामला उलझ ही जाता है. इसलिए, चाणक्य ने जीवन में कुछ लोगों से कभी दुश्मनी मोल न लेने के लिए कहा है. इनसे बैर करने का मतलब खुद को मुसीबत में डालना होता है. यदि किसी ने इनसे बुराई लेने की जुर्रत की तो उसे मात मिलना निश्चित है. कई राजा-महाराजा (never hate 3 people) भी ऐसे लोगों से अनजाने में विरोध कर अपना राज-पाट (enemy niti) गंवा चुके हैं. तो, चलिए जानते हैं कि वे कौन-से लोग हैं.         

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खुद से -

आचार्य चाणक्य के अनुसार, स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन होता है. जो व्यक्ति अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ करता है. उसके प्रति ध्यान नहीं देता. वो खुद को मौत के मुंह में ढकेलता है. आचार्य चाणक्य के मुताबिक, आजीविका के लिए जितना धन कमाना बहुत जरूरी होता है. उतना ही शरीर का ख्याल रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है. खान-पान को लेकर असावधानी मृत्यु के निकट ले जाती है फिर धन भी काम नहीं आता. खुद के शरीर से कभी द्वेष न करें तभी रोग दूर रहेंगे.  

बलशाली -

एक बलवान व्यक्ति अपनी छवि को बरकरार रखने के लिए दूसरों का नुकसान भी कर सकता है. इसलिए, ऐसे लोगों से कोसों दूर रहे. फिर चाहे वो शरीर से बलवान हो या धन से. इनसे दुश्मनी करने का मतलब धन हानि के साथ मौत को न्योता देना होता है. धनी व्यक्ति पैसे के बल पर कानून और न्याय को भी खरीद सकता है. वहीं ताकतवर इंसान बल का प्रयोग कर आपको और आपके परिवार को हानि (powerful) पहुंचा सकता है.      

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मर्मी -

जो लोग आपके अंतरंग राज जानते हो यानी मर्मी या लंगोटिया यार जो हमारे सभी रहस्यों को जानता है. उस व्यक्ति से विरोध नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि विभीषण रावण के राज जानता था जो भगवान राम को बता दिए थे. इसी कारण से रावण युद्ध में मारा गया था.     

राजा-लीडर -  

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्‍यक्ति को कभी भी राजा या शासन प्रशासन से सीधे लड़ाई मोल नहीं लेनी चाहिए. इससे आपकी जान को भी खतरा हो सकता है. आज के दौर में देखें तो किसी बड़े अधिकारी से तब तक न उलझें जब तक आप मजबूत स्थिति में न हो. इनसे सीधे तौर पर बैर लेना आपको हानि पहुंचा (raja leader) सकता है.