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Shravan Amavasya 2022 Pitra Shanti Upay: हरियाली अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए करेंगे ये उपाय, शुभ फल पाएं

हरियाली अमावस्या (hariyali amavasya 2022 vrat) पर पितरों की शांति के लिए पेड़-पौधे भी लगाए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन दान पुण्य करने से पित्रदोष (shravan hariyali amavasya 2022 dharmik karm) से मुक्ति मिलती है.

Updated on: 28 Jul 2022, 07:46 AM

नई दिल्ली:

सावन में आने वाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) को श्रावण अमावस्या कहते हैं. कुछ जगहों पर इसे हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस बार ये तिथि 28 जुलाई 2022 को है. अमावस्या तिथि पर स्नान-दान के साथ पितरों के श्राद्ध और तर्पण करने का विधान होता है. हरियाली अमावस्या (hariyali amavasya 2022 vrat) पर पितरों की शांति के लिए पेड़-पौधे भी लगाए जाते हैं. हिंदू शास्त्र (shravan hariyali amavasya 2022) में इस दिन का बहुत महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन दान पुण्य करने से पित्रदोष (shravan hariyali amavasya 2022 dharmik karm) से मुक्ति मिलती है. श्रावण अमावस्या के दिन माता पार्वती के साथ-साथ भोलेनाथ की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पितरों की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. इस दिन पितृों की शांति के लिए कुछ उपाय करने चाहिए.                           

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हरियाली अमावस्या 2022 पितृ शांति उपाय -  

हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोपण करने से पितर बहुत खुश होते हैं. इस दिन पीपल, बड़, आंवले, नीम का पौधा लगाएं और उसकी देखभाल का संकल्प लें.  

हरियाली अमावस्या पर दान करने का महत्व है. ऐसे में हरियाली यानी कि सावन की अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए गरीबों को कपड़े और अन्न का दान करना चाहिए.    

पितरों का ध्यान कर पीपल के पेड़ में जल में काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालकर अर्पित करें और ऊं पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें. ये उपाय शुभ फल प्रदान करता है.                

पितरों की शांति से घर में खुशहाली आती है ऐसे में हरियाली अमावस्या के दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं. इसके साथ ही नदी में काले तिल (hariyali amavasya 2022 pitra shanti upay) प्रवाहित करें.       

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अमावस्या पर किए जाने वाले कर्म -    

श्रावणी अमावस्या के दिन पितरों की शांति के निमित्त पिंड दान, तर्पण, पितृ पूजा, नारायण बली पूजा, नाग बली पूजा, कालसर्प दोष मुक्ति पूजा, शनि शांति निवारण पूजा, शनि शांति हवन, नवग्रह शांति हवन करवाया जाता है. ये कर्म किसी पवित्र नदी के तट पर या तीर्थ स्थलों पर करने का विधान है. इस दिन शिवलिंग का अभिषेक इस प्रकार किया जाए किपंचामृत शिवलिंग के ऊपर लगे नाग पर डाला जाए और वह शिवलिंग पर आकर गिरेय. इस प्रकार करने से कुंडली के ग्रह दोष (shravan hariyali amavasya 2022 karm) समाप्त होते हैं.       

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गुरुवारी अमावस्या का फल -

गुरुवार के दिन आने वाली अमावस्या का विशेष फल होता है. ये शुभकारी होती है. प्रात: पुनर्वसु नक्षत्र का स्पर्श होने की वजह से शुभप्रद तथा पुष्य नक्षत्र में (shravan hariyali amavasya 2022 guruvari amavasya fal) मध्यमफलकारी है.