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Shravan Amavasya 2022 Significance: 28 अप्रैल को है हरियाली अमावस्या, जानें महत्व और इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्म

श्रावण अमावस्या के दिन माता पार्वती के साथ-साथ भोलेनाथ (shravan hariyali amavasya 2022 importance) की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पितरों की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

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Megha Jain
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shravan amavasya 2022 importance and dharmik karm

shravan amavasya 2022 importance and dharmik karm( Photo Credit : social media)

श्रावण माह (sawan 2022) की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (hariyali amavasya 2022) भी कहते हैं. हिंदू शास्त्र में इस दिन का बहुत महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन दान पुण्य करने से पित्रदोष से मुक्ति मिलती है. श्रावण अमावस्या के दिन माता पार्वती के साथ-साथ भोलेनाथ (shravan hariyali amavasya 2022) की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पितरों की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. कुछ जगहों पर तो इस दिन वृक्षारोपण भी किए जाते हैं. तो, चलिए इस दिन के महत्व के बारे में बताते हैं.         

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श्रावण अमावस्या 2022 महत्व (shravan amavasya 2022 importance)     

धार्मिक और प्राकृतिक महत्व की वजह से श्रावण अमावस्या बहुत लोकप्रिय है. दरअसल इस दिन वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए इसे हरियाली अमावस्या के तौर पर जाना जाता है. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पितरों का पिंडदान और अन्य दान-पुण्य संबंधी कार्य (shravan amavasya 2022 significance) किए जाते हैं.        

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श्रावण अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म -  

सावन के महीने में बारिश के आगमन से धरती का कोना-कोना हरा-भरा होकर खिल उठता है. श्रावण अमावस्या पर पेड़-पौधों को नया जीवन मिलता है और इनकी वजह से ही मानव जीवन सुरक्षित रहता है. इसलिए, प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व होता है. इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्म कुछ (shravan amavasya 2022 vrat) इस प्रकार हैं -                   
   
1) हरियाली अमावस्या पर पीपल, बरगद, केला, नींबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना शुभ माना जाता है. क्योंकि इन वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है.                

2) इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें.          

3) इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है और इसके फेरे लिये जाते हैं.

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4) पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें.         

5) किसी नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाएं अपने घर के पास चींटियों को चीनी या सूखा आटा खिलाएं.      

6) सावन हरियाली अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. साथ ही हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं.        

7) वृक्षारोपण के लिए उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपदा, रोहिणी, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, मूल, विशाखा, पुष्य, श्रवण, अश्विनी, हस्त आदि नक्षत्र श्रेष्ठ व शुभ फलदाई (shravan amavasya 2022 dharmik karm) माने जाते हैं.     

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