/newsnation/media/post_attachments/images/2023/11/02/shivling-1-81.jpg)
Shiv Pataleshwar Temple( Photo Credit : news nation)
Shiv Temple: इस दुनिया में शिव भक्तों की कमी नहीं हैं. देश और विदेश में भारतीयों के अलावा भी कई देशों में लोग शिव की पूजा करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा शिव मंदिर है जहां शिवलिंग पर दूध ही नहीं बल्कि झाड़ू चढ़ाने की प्रथा है. ये ऐसा अनोखा मंदिर है जहां लोग दूर-दूर से आते हैं. इस मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने की प्रथा कैसे शुरु हुई और इसका क्या महत्व है ये इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे. शिव का ये अनोखा मंदिर भारत में कहां है ये भी जान लें. भगवान शिव की शक्ति अपरंपार है. जो लोग उनकी भक्ति में लीन रहते हैं वो उनके चमत्कारों के बारे में बातें भी करते हैं. ऐसे में शिवलिंग पर दूध की जगह झाड़ू चढ़ाने वाले इस मंदिर की अनोखी कहानी आपको भी हैरान कर देगी.
शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने वाला मंदिर
जिस मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने की प्रथा है उसका नाम शिव पातालेश्वर मंदिर है. ये मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के मोरादाबाद में स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करना सरल है और जिस भक्त पर वह अपनी कृपा बरसाते हैं उसके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है. ऐसे में अगर आप शिव मंदिर में सोना, चांदी या फिर शिवलिंग पर अब तक दूध, गंगाजल, धतुरा, फूल ये सब चढ़ाते थे तो इस जानकारी के बाद आप झाड़ू चढ़ाने के बारे में भी सोचेंगे.
शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने की मान्यता
मंदिर के इतिहास की बात करें तो जानकारों के अनुसार ये मंदिर लगभग 150 साल पुराना है. मान्यता है कि जो भी भक्त मोरादाबाद के पातालेश्वर मंदिर में सच्ची श्रद्धा और भक्ती से शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाता है उस व्यक्ति से सभी त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं. मुरादाबाद में यह मंदिर बेहद ही लोकप्रिय है. यहां के स्थानीय लोग यहां आते हैं और अपनी हर समस्या का समाधान पाते हैं.
पातालेश्वर मंदिर से जुड़ी कथा
शिव पातालेश्वर मंदिर पौराणिक कथा के अनुसार मुरादाबाद में एक भिखारीदास नाम का व्यापारी रहता था, जो बहुत धनवान था. लेकिन उसे तवचा सम्बन्धी एक बड़ा रोग था. वह इस रोग का इलाज करवाने जा रहा था कि अचानक उसे प्यास लगी. वह भगवान के इस मंदिर में पानी पीने आया और तभी वजह झाड़ू मार रहे महंत से टकरा गया. जिसके बाद बिना इलाज ही उसका रोग दूर हो गया. इससे खुश होकर सेठ ने महंत को अशरफियां देनी चाही. लेकिन महंत ने इसे लेने से इनकार कर दिया. इसके बदले उसने सेठ से यहां मंदिर बनवाने की प्रार्थना की. इसके बाद इस मंदिर के लिए ये बात कही जाने लगी कि त्वचा संबंधी रोग होने पर यहां झाड़ू चढ़ानी चाहिए.
यह भी पढ़ें :
Vastu Tips: आपके मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियां कहीं अशुभ फल तो नहीं दे रहीं..
Famous Temple in Gujarat: ये है संतान सुख देने वाला मुर्गों का मंदिर, मुर्गे पर सवार हैं बहुचरा माता
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)