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Shardiya Navratri 2022 Akhand Jyot Mahatva, Niyam aur Mantra: अखंड ज्योत जलाते समय न करें इन नियमों की अनदेखी, दीपक के घी में छिपी है रोगों की रामबाण औषधि

Shardiya Navratri 2022 Akhand Jyot Mahatva, Niyam aur Mantra: नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है. अखंड ज्योति का अर्थ होता है ऐसी ज्योति जोकि खंडित ना हो. शास्त्रों में अखंड ज्योत जलाने के खास नियम बताए गए हैं.

Updated on: 19 Sep 2022, 10:15 AM

नई दिल्ली :

Shardiya Navratri 2022 Akhand Jyot Mahatva, Niyam aur Mantra: 26 सितंबर से नवरात्रि का शुभारंभ होगा. इस बार नवरात्रि 9 दिन मनाई जाएगी. शारदीय नवरात्री 25 सितंबर से 5 अक्टूबर 2022 तक चलेगी. नवरात्रि के पहले दिवस पर घर घर में माँ दुर्गा विराजेंगी. जहां एक ओर नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का अत्यधिक महत्व होता है. वहीं, दूसरी तरफ नवरात्रि में अखंड ज्योति भी विशेष महत्व रखती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है. अखंड ज्योति का अर्थ होता है ऐसी ज्योति जोकि खंडित ना हो. शास्त्रों में अखंड ज्योत जलाने के खास नियम बताए गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में. साथ ही अखंड ज्योत के महत्व और उससे जुड़े मन्त्रों के बारे में भी. 

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अखंड ज्योति तब तक जलती रहनी चाहिए जब तक कि पूजा समाप्त ना हो. इसके अलावा कुछ लोग अखंड ज्योति को संकल्प के अनुसार भी जलाते हैं. लेकिन नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिनों तक जलाई जाने वाली अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है. अखंड ज्योति जलाने के कई नियम भी होते हैं जिसका पालन करना जरूरी होता है.

शारदीय नवरात्रि 2022 अखंड ज्योति जलाने के नियम
- नवरात्रि में अखंड ज्योति को मां दुर्गा के समक्ष पूरे 9 दिनों तक जलाया जाता है.
- इस दौरान घर पर सात्विकता का भी पालन करना जरूरी होता है.
- पूजा-पाठ में जलाया गया दीपक अग्नि का वह छोटा स्वरूप होता है जिसे देवशक्ति का प्रतीक माना गया है. 
- साथ ही अखंड ज्योति को आस्था का प्रतीक भी माना जाता है.
- अखंड ज्योति में एक छोटा और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए. 
- यदि अखंड ज्योति में घी डालते समय या किसी अन्य कारणों से ज्योति बुझ भी जाती है तो उसे छोटे दीपक की ज्योति से पुनः जलाया जा सकता है. 
- इस तरह से अखंड ज्योति खंडित नहीं होती.
- अखंड ज्योति जलाने के बाद उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
- एक व्यक्ति सदैव अखंड ज्योत की देखभाल के लिए मौजूद रहना चाहिए.
- अखंड ज्योति जलाने के बाद घर पर भूलकर भी ताला नहीं लगाना चाहिए. 
- किसी एक व्यक्ति का हमेशा ही घर पर रहना जरूरी होता है.
- घी से जलाई गई अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं ओर और तेल से जलाई गई अखड़ ज्योति को बाईं ओर रखना चाहिए.

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शारदीय नवरात्रि 2022 अखंड ज्योति जलाने का महत्व 
- दीपक की रोशनी में सकारात्मकता होती है. 
- इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता दूर होती है. 
- धार्मिक मान्यता के अनुसार घर पर अंखड ज्योति जलाने से सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है.
- अखंड ज्योत जलाने से न सिर्फ बुरी शक्तियों का प्रभाव कम होता है बल्कि दैवीय शक्तियों का संचार होता है.
- अखंड ज्योत जलाने से व्यक्ति के मन में सद्भाव उत्पन्न होता है और व्यक्ति का मन चिंता मुक्त हो जाता है. 
- चिंता मुक्त मन से खुशियों का अनुभव बेहतर तौर पर होता है और व्यक्ति का स्वास्थ भी अच्छा बना रहता है. 
- माना जाता है कि अखंड ज्योत को किसी काम के पूरे होने के संकल्प हेतु जलाया जाए तो वह काम निर्विघ्न संपन्न हो जाता है. 
- मान्यताओं के अनुसार, अखंड ज्योत जलाने में प्रयोग किया गया घी भी रोगों के नाश में सहायक साबित होता है. 
- 9 दिन बाद जब अखंड ज्योत पूरी तरह जल जाती है और अगर दीपक में घी बच जाता है तो उस घी को शरीर पर लगा लेना चाहिए.
- माना जाता है कि ऐसा करने से माँ की कृपा के रूप में घी औषधि का रूप ले लेता है और व्यक्ति की चोट या कोई रोग ठीक होने लगता है.  

शारदीय नवरात्रि 2022 अखंड ज्योति जलाने का मंत्र 
- अखंड ज्योति जलाने से पहले भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव और मां दुर्गा का स्मरण करना चाहिए. 
- इसके बाद 'ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते' मंत्र का जाप करते हुए अखंड ज्योति को जलाना चाहिए.