Can I Do Pilgrimage during Period : हिंदू धर्म में पीरियड के दौरान पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना वर्जित है. आमतौर आपने देखा होगा पीरियड के दौरान महिलाएं पूजा-पाठ नहीं करतीं, लेकिन कभी-कभी तीर्थयात्रा के दौरान किसी खास मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करने से वंचित रह जाती हैं.
हाल ही में एक महिला ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से पूछा, 'तीर्थयात्रा पर आने वाली कई महिलाओं को मासिक धर्म आ जाता है. ऐसी स्थिति में महिलाएं यह तय नहीं कर पाती हैं कि उन्हें दर्शन करना चाहिए या नहीं . भारत में अधिकांश महिलाओं को पीरियड के दौरान पूजा करने या पवित्र स्थानों पर जाने के बारे में ऐसी शंकाएं होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा....
प्रेमानंद जी ने दी ये सलाह
महिला के इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, हमें किसी तीर्थ यात्रा का सौभाग्य नहीं छोड़ना चाहिए. महिलाओं में मासिक धर्म एक शारीरिक प्रक्रिया है और यह सभी महिलाओं के शरीर में स्वाभाविक रूप से आती है. किसी भी तीर्थ पर जाना आसान नहीं होता. तीर्थ यात्रा पर लोग पैसे खर्च करके जाते हैं. ऐसे में दर्शन करने का लाभ नहीं छोड़ना चाहिए.
महाराज जी के अनुसार क्या करें?
प्रेमानंद जी ने बताया कि पीरियड की स्थिति में स्नान कर भगवत प्रसादी चंदन लगाकर भगवान के दर्शन करने चाहिए, लेकिन दर्शन दूर से ही करने चाहिए तथा किसी भी प्रकार की सेवा या सामग्री नहीं चढ़ानी चाहिए और स्पर्श भी नहीं करनी चाहिए.
समस्याओं का बताते हैं हल
प्रेमानंद महाराज अक्सर भक्तों को जीवन में आने वाली परेशानियों का सहज हल बताते हैं. भक्तजन अपने जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की शंकाओं का समाधान प्रेमानंद जी महाराज से जानना चाहते हैं और प्रेमानंद महाराज उन्हें समाधान बताते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)