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Meen Sankranti 2022: मीन संक्रांति का जानें धार्मिक महत्व और शुभ मुहूर्त, नेगेटिविटी होगी दूर

सनातन धर्म में मीन संक्रांति (Meen sankranti 2022) का खास महत्व होता है. इस बार मीन संक्रान्ति 15 मार्च (Meen Sankranti 15 march 2022) को पड़ रही है. तो चलिए आज जानते हैं कि मीन संक्रान्ति का धार्मिक (Importance of Meen Sankranti) महत्व क्या है. 

Updated on: 07 Mar 2022, 11:25 AM

नई दिल्ली:

सनातन धर्म में मीन संक्रांति (Meen sankranti 2022) का खास महत्व होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने एक संक्रांति तिथि पड़ती है. यानी पूरे साल में 12 महीनों की तरह 12 संक्रांति होती है. मीन संक्रांति भी उन्हीं में से एक है. हर महीने में सूर्य के राशि बदलाव के साथ ही एक नई संक्रांति शुरू हो जाती है. जब सूर्यदेव राशियों को बदलते हुए मीन राशि (Meen Sankranti 2022 Upay) में प्रवेश करते हैं, तो इसे मीन संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में मीन संक्रान्ति को बहुत ज्यादा शुभ माना गया है. इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार मीन संक्रान्ति 15 मार्च को पड़ रही है. तो चलिए आज जानते हैं कि मीन संक्रान्ति का धार्मिक (Importance of Meen Sankranti) महत्व क्या है. 

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मीन संक्रांति का धार्मिक महत्व 
इस दिन का शास्त्रों में खास महत्व बताया गया है. इस दिन को सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही पवित्र और शुभ नहीं माना जाता, बल्कि व्यवहारिक रूप से भी उत्तम माना जाता है. मीन संक्रान्ति से उत्तरायण शुरू हो जाता है, जिसे देवताओं का टाइम कहा गया है. माना जाता है कि इस टाइम देवता काफी सशक्त हो जाते हैं. कहा जाता है कि  इस टाइम रातें छोटी होने की वजह से  निगेटिव पॉवर में भी कमी आ जाती है और दिन में एनर्जी (Meen Sankranti religious significance) मिलती है. 

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मीन संक्रांति का शुभ मुहूर्त

इस दिन 14 मार्च की रात सूर्यदेव 12 बजकर 30 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही मीन संक्रान्ति की शुरुआत हो जाएगी. मीन संक्रांति का महापुण्यकाल सुबह 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. वहीं पुण्यकाल सुबह 8 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.

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सूर्य की होती है पूजा
माना जाता है कि इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है. ऐसा करने से निगेटिविटी दूर होती है और पॉजिटिव एनर्जी मिलती है. इसके साथ ही इस दिन तिल, वस्त्र और अनाज का दान करना बेहद शुभ माना जाता है.