Shardiya and Chaitra Navratri Difference: चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बीच का अंतर ला सकता है व्रत पालन में बदलाव

इस बार चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. तो, चलिए आज हम आपको इस मौके पर चैत्र और शारदीय नवरात्रि (shardiya and chaitra navratri difference) के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं. 

author-image
Megha Jain
New Update
shardiya and chaitra navratri difference

shardiya and chaitra navratri difference( Photo Credit : social media)

गृहस्थ लोगों के लिए साल में दो बार नवरात्रि (navratri) का त्योहार आता है. पहला चैत्र के महीने में आता है, इस नवरात्रि से ही हिंदू नव वर्ष (hindu new year) शुरू हो जाता है. जिसे चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) कहा जाता है. दूसरे नवरात्रि अश्विन माह में आते हैं. जिन्हें शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri) के नाम से जाना जाता है. पौष और आषाढ़ के महीने में भी नवरात्रि का पर्व आता है. जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, लेकिन उस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है, गृहस्त और पारिवारिक लोगों के लिए सिर्फ चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ही उत्तम माना गया है. दोनों में ही मातारानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. तो, चलिए आज हम आपको इस मौके पर चैत्र और शारदीय नवरात्रि (shardiya and chaitra navratri difference) के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं. 

Advertisment

यह भी पढ़े : Samudrik Shastra: आंखों के रंग खोले जिंदगी से जुड़े और दिल में छिपे राज, ऐसे दर्शाए सामने वाले का व्यवहार

शारदीय नवरात्रि 
शारदीय नवरात्र को महानवरात्र भी कहा जाता है. अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पूरे भारत में दुर्गा पूजा के रूप में मनाई जाती है. ये पर्व उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में काफी अच्छे से मनाया जाता है. ये नवरात्रि मां शक्ति के नौ रूपों- दुर्गा, भद्रकाली, जगदम्बा, अन्नपूर्णा, सर्वमंगला, भैरवी, चंडिका, कलिता, भवानी, मूकाम्बिका को समर्पित होती है. ऐसा माना गया है कि नौ दिनों की लंबी लड़ाई के बाद देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया, जिसके बाद से ये नवरात्रि मनाई जाती है. शरद नवरात्र के बारे में एक और कहानी बताई जाती है कि भगवान राम ने रावण को युद्ध (shardiya and chaitra navratri) में पराजित करने के लिए देवी दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की थी. इसके बाद दसवें दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, जिसके चलते विजयदशमी मनाई जाती है. 

यह भी पढ़े : Palmistry: हाथों में अगर होती हैं ये रेखा, झेलनी पड़ती है पैसों की तंगी और ढोना पड़ता है कर्ज का बोझा

चैत्र नवरात्रि 
चैत्र नवरात्रि, चैत्र के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है. ये ज्यादातर उत्तरी भारत और पश्चिमी भारत में मनाई जाती है. ये त्योहार हिंदू नववर्ष की शुरुआत में होता है. मराठी लोग इसे 'गुड़ी पड़वा' और कश्मीरी हिंदू 'नवरे' के रूप में मनाते हैं. इतना ही नहीं, आंध प्रदेश, तेलांगना और कर्नाटक में हिंदू इसे 'उगादी' नाम से मनाते हैं. नौ दिन चलने वाले इस त्योहार को 'रामनवमी' भी कहते हैं, जिसका समापन भगवान राम के जन्मदिन 'रामनवमी' वाले दिन होता है. माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना मानसिक रूप से लोगों को मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने वाली होती हैं. शारदीय नवरात्रि सांसरिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी (chaitra navratri 2022) जाती है.  

chaitra navratri kab hai chaitra na chaitra navratri chaitra shardiya navratri difference chaitra navratri 2022 date Chaitra Navratri 2022 shardiya chaitra navratri 2022 chaitra navratri shardiya navratri 2022 chaitra navratri starts Chaitra Navratri Date
      
Advertisment