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Raksha Bandhan 2022 Ashubh Prabhav: रक्षाबंधन पर बहनें बांधेगी ये राखी, भाई का अशुभ प्रभाव से होगा बचाव और मिलेगी कामयाबी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये एक शब्द नहीं बल्कि ईश्वर (raksha bandhan 2022) के सभी रूपों का संयुक्त रूप है. ॐ शब्द अच्छा भाग्य, कामयाबी लाने वाला और अशुभ प्रभाव (raksha bandhan 2022 ashubh prabhav) दूर करने वाला भी माना जाता है.

Updated on: 09 Aug 2022, 11:41 AM

नई दिल्ली:

रक्षाबंधन का त्योहार (raksha bandhan 2022) भाई-बहन के दिल के बेहद करीब होता है. इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है. जिसके बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं. इस मौके पर बहनें अपने भाइयों के लिए अलग-अलग तरह की राखियां खरीदती हैं. लेकिन, आज यहां आपको भाइयों (raksha bandhan 2022 rakhi) की कलाई पर बांधने के लिए एक अलग प्रकार की राखी की जानकारी दी जा रही है. जी हां, सही सुना आपने. ये राखी ऊं डिजाइन की है. ॐ शब्द का हिंदू धर्म में बहुत (raksha bandhan 2022 om rakhi) महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये एक शब्द नहीं बल्कि ईश्वर के सभी रूपों का संयुक्त रूप है. ॐ शब्द अच्छा भाग्य, कामयाबी लाने वाला और अशुभ प्रभाव दूर करने वाला भी माना जाता है. धार्मिक महत्व के साथ ही ये राखी दिखने में भी बेहद आकर्षक होती है और शुभ फलदाई (Raksha Bandhan 2022 niyam) भी हो सकती है.          

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ऊं राखी -

रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए ये राखी बेहद खूबसूरत है. ये एक आकर्षक राखी है. जिसमें गणपति और पवित्र शब्द ॐ की झलक मिलेगी. इस तरह की राखी पर गोल्ड पॉलिश होती है. इसके साथ में अमेरिकन डायमंड स्टोन, कुंदन, रुद्राक्ष, मोदी और कॉटन रेशम धागा भी इसमें इस्तेमाल किया गया है. इसमें राखी के साथ ही रोली और अक्षत भी दिया गया है. जिससे आपकी राखी की थाली (om rakhi) पूरी हो जाएगी.      

रुद्राक्ष राखी -

रुद्राक्ष वाली राखी भाइयों की कलाई पर खूब जचती है. ये हैंड क्राफ्टेड राखी होती है और इसे हाई क्वालिटी के मटेरियल का इस्तेमाल करते हुए डिजाइन किया गया है. इस तरह की राखी पर बीच में एक रिंग के भीतर ॐ डिजाइन बना हुआ है. जिसमें रिंग के दोनो तरफ रुद्राक्ष भी है.  भाई के साथ अपनी बॉन्डिंग का इजहार करने के लिए ये राखी काफी (rudraksh rakhi) बढ़िया होती है.     

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इस साल दो दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. दररअसल, 11 अगस्त को भद्राकाल सुबह से रात 08 बजकर 51 तक है. हिंदू धर्म की मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इस लिए भाइयों को राखी न तो भद्राकाल में बांधी जा सकती है और न ही रात में. जबकि 12 अगस्त को भी सुबह 7 बजकर 05 तक पूर्णिमा तिथि रहेगी. इस समय भद्रा भी नहीं है और उदयातिथि भी है. इसलिए 12 अगस्त को राखी मनाना अत्यंत शुभ है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप 12 अगस्त को राखी बांधने की सोच रहें हैं तो सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले ही (Raksha Bandhan 2022 shubh muhurat) राखी बांध दें.