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Sawan 2022 Nandi Sthapna Niyam: सावन में जानें नंदी की प्रतिमा को स्थापित करने के नियम, घर में आएगी समृद्धि और बढ़ेगा प्रेम

अगर आप भी अपने घर में शिवजी की प्रतिमा स्थापित न करके उनके लिंगावतार (sawan 2022 nandi sthapna) को स्थापित कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें. अगर आप शिवलिंग (shivling) स्थापित कर रहें हैं. तो, साथ में नंदी को भी रखें.

Updated on: 24 Jul 2022, 02:12 PM

नई दिल्ली:

सावन का महीना (sawan 2022) शुरू हो चुका है. ऐसे में शिवालयों में लंबी कतारें लगी रहती हैं. खास तौर से सोमवार को ये लाइन ज्यादा लंबी हो जाती है. तो, वहीं कुछ लोग अपने घर में ही शिवालय (sharavan month) बना लेते हैं या बनाना चाहते हैं. अगर आप भी अपने घर में शिवजी की प्रतिमा स्थापित न करके उनके लिंगावतार को स्थापित कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें. अगर आप शिवलिंग (shivling) स्थापित कर रहें हैं. तो, साथ में नंदी को भी रखें. उनकी मौजूदगी से घर में वातावरण शांत रहेगा साथ ही लोगों में प्रेम होगा और घर में समृद्धि आएगी.  

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शिवलिंग की स्थापना के नियम - 

शिवलिंग की स्थापना कभी भी तुलसी जी के साथ न करें। तुलसी मां के साथ भगवान शालिग्राम की स्थापना ही की जाती है. 

घर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर ही हो. इससे बड़ा शिवलिंग घर में तांडव मचा सकता है. 

शि‍वजी को साफ-सफाई बेहद पसंद है. शि‍वलिंग की स्थापना ऐसी जगह पर करनी चाहिए, जहां उनकी पूजा शांति से की जा सके. 

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घर में रखे शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है. शिवलिंग के समीप सदैव माता गौरी-गणेश की प्रतिमा रखें. 

घर पर स्थापित शिवलिंग पर सदैव जलधारा रहनी चाहिए. घर में बंद स्थान पर शिवलिंग की स्थापना (shivling sthapna niyam) नहीं करनी चाहिए.  

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इस तरह से करें नंदी की स्थापना - 

नंदी की प्रतिमा आमतौर पर सोमवार को ही खरीदना चाहिए. सावन के किसी भी सोमवार को नंदी की प्रतिमा खरीदकर ले आएं. इसके अलावा बुधवार, गुरु या शुक्रवार (nandi sthapna niyam) को भी ला सकते हैं.

भगवान शिव के वाहन नंदी हैं. नंदी बैल के स्वरुप में हैं. भगवान शिव के हर मंदिर में गर्भगृह के बाहर नंदी विराजित रहते हैं. नंदी श्रम और सेवा के प्रतीक माने गए हैं. ज्योतिष और वास्तु में नंदी की मूर्ति का भी काफी महत्व माना गया है. 

इस दिन उनकी प्रतिमा को घर लाकर उसे किसी साफ बरतन में कच्चा दूध डालकर एक-दो घंटे के लिए उसी बरतन में रख दें. इससे प्रतिमा के सारे दोषों की शांति हो जाएगी. 

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फिर प्रतिमा को कच्चे दूध से निकालकर साफ पानी से उसका अभिषेक करें. इसके साथ ही ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें. 

फिर, कुंकुम और अबीर आदि से नंदी का पूजन करें. उस दिन लाभ का चौघड़िया देखकर कर उसी मुहूर्त में प्रतिमा को स्थापित करें. 

कहा जाता है कि तिजोरी या धन स्थान पर चांदी के नंदी रखे से हमेशा लक्ष्मी की कृपा रहती है. तिजोरी या अलमारी में एक लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर स्थापित कर दें. प्रतिमा को तिजोरी के ऐसे कोने में रखें जहां से उसे बार-बार उठाने या हटाने की जरुरत न पड़े.