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Sankashti Chaturthi 2022 Shubh Muhurat, Puja Vidhi, Importance: संकष्टी चतुर्थी के दिन अपनाएं ये पूजा विधि, गणेश जी करेंगे हर मनोकामना पूरी

पंचांग के मुताबिक आने वाली 19 मई को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) पड़ रही है. माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022 muhurat) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं.

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Megha Jain
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sankashti chaturthi 2022 shubh muhurat, puja vidhi, importance

sankashti chaturthi 2022 shubh muhurat, puja vidhi, importance( Photo Credit : social media)

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हिंदू धर्म में गणेश जी (lord ganesh) की पूजा का विशेष महत्व होता है. एक पूर्णिमा के बाद आती है. वहीं दूसरी अमावस्या के बाद आती है. दोनों ही चतुर्थियों को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. पूर्णिमा के बाद यानी कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है. पंचांग के मुताबिक आने वाली 19 मई को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) पड़ रही है. माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022 muhurat) के दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो जाते हैं. तो, चलिए आपको इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं.      

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संकष्टी चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त  

वैशाख मास की संकष्टी चतुर्थी 19 मई, बृहस्पतिवार के दिन पड़ रही है. चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 मई, बुधवार को रात 11 बजकर 36 मिनट से हो रही है. जबकि चतुर्थी तिथि का समापन 19 मई को रात 8 बजकर 23 मिनट पर होगा. वहीं चंद्रोदय रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा.   

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संकष्टी चतुर्थी 2022 पूजा विधि (Sankashti Chaturthi 2022 Puja Vidhi)   

संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान के बाद सूर्य देव को जल दिया जाता है. उसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत और गणेश पूजा का संकल्प लिया जाता है.   

पूजा स्थान को साफ-सुथरा किया जाता है. इसके बाद भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना की जाती है. इसके बाद भगवान गणेश को चंदन लगाकर गंगाजल अर्पित किया जाता है. 

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पूजन के दौरान भगवान गणेश को वस्त्र, दूर्वा, फूल की माला, अक्षत, धूप, दीप और मोदक अर्पित किया जाता है. इसके बाद गणेशजी के मंत्रों का जाप कर व्रत कथा का पाठ किया जाता है. फिर गणेश चालीसा का पाठ किया जाता है.     
  
पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती की जाती है. फलाहार करने के बाद भगवत भजन किया जाता है. सूर्यास्त के बाद चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. उसके बाद व्रत का पारण (sankashti chaturthi may 2022 date) किया जाता है.    

संकष्टी चतुर्थी 2022 महत्व 

माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं. जिन लोगों के घर में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं या जिनकी संतान का विवाह नहीं हो पा रहा है,  उन्हें संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहिए. ये भी कहा जाता है कि उनका व्रत करने से घर-परिवार में शुभता का वास होता है. इसके साथ ही जिन लोगों का व्यापार ठीक से नहीं चल रहा है. वे लोग भी इस दिन व्रत रखकर गणेश जी को 4 बेसन के लड्डुओं का भोग लगा सकते हैं. ऐसा करने से व्यापार में तरक्की होने (sankashti chaturthi 2022 importance) लगती है. 

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