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जन्‍माष्‍टमी: मथुरा से गोकुल तक सज गए सारे देवालय, जन्‍मोत्‍सव की ऐसी है तैयारी

श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव को लेकर ब्रज के सभी मंदिरों में तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. सोमवार को मथुरा से लेकर गोकुल, वृंदावन सहित सभी प्रमुख गांवों और शहरों में कान्‍हा का जन्‍म धुमधाम से मनाए जाने की तैयारी जोरों पर चल रही है.

Updated on: 29 Aug 2021, 11:59 PM

highlights

  • श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव को लेकर ब्रज के सभी मंदिरों में तैयारियां पूरी 
  • शंखध्वनि के साथ कान्‍हा का किया जाएगा अभिषेक 
  • झूले में भी झुलाए जाएंगे बाल गोपाल

नई दिल्ली:

श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव को लेकर ब्रज के सभी मंदिरों में तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. सोमवार को मथुरा से लेकर गोकुल, वृंदावन सहित सभी प्रमुख गांवों और शहरों में कान्‍हा का जन्‍म धुमधाम से मनाए जाने की तैयारी जोड़ों पर चल रही है. जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्स के दौरान सबसे पहले स्तुति की जाएगी इसके साथ ही अभिषेक, पूजा और आरती का क्रम चलेगा. जन्माष्टमी को लेकर मथुरा में कृष्ण के मंदिरों को विशेष साफ-सफाई के साथ सजावट की गई है. इस दिन कई जगहों पर कृष्ण की लीलाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा. हालांकि कोरोना गाइडलाइन का पालन कराना मंदिर प्रबंधन के लिए परेशानी का कारण हो सकता है. 

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गौरतलब है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था इसलिए रात में ही भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को नहलाया जाएगा और उन्हें नए वस्त्र अर्पित किए जाएंगे. इस दिन बाल गोपाल को झूले में भी झुलाए जाएंगे. सोमवार की रात्रि को श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान में कार्यक्रम की शुरुआत शहनाई और नगाड़े से की जाएगी. इसके बाद भागवत भवन में सुबह 10 बजे अभिषेक और पुष्‍पांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जबकि मुख्य कार्यक्रम जन्म महाभिषेक रात को 11 बजे होंगे. इसकी शुरुआत गणेश-नवग्रह आदि पूजन से किया जाएगा. रात 12 बजे शंखध्वनि के साथ श्रीकृष्ण जन्म के समय कान्‍हा का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर के पट को रात के डेढ़ बजे तक खोल दिए जाएंगे. 

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बता दें कि इस साल श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव 30 अगस्त को मनाई जाने वाली है. जिसकी रौनक अभी से हर जगह नजर आने लगी है. ऐसे में मंदिरों और घरों में दिव्य पूजा के आयोजन को लेकर तैयारी की जा रही है. श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव के अवसर पर कई जगहों पर भगवत पुराण और भगवद गीता के पाठ का आयोजन आरम्भ कर दिया गया है वहीं कई जगहों पर विशेष पूजा विधि की तैयारियां चल रही हैं.