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भद्राकाल में बिल्‍कुल भी न बंधवाएं राखी, जानें रावण से जुड़ी यह मान्‍यता

कल 3 अगस्‍त यानी सोमवार को पूरे देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा. बहनें तय मुहुर्त में भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधेंगी. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शुभ मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए.

Updated on: 02 Aug 2020, 04:28 PM

नई दिल्ली:

कल 3 अगस्‍त यानी सोमवार को पूरे देश में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार मनाया जाएगा. बहनें तय मुहुर्त में भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधेंगी. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शुभ मुहूर्त में ही भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. राहुकाल और भद्रा में राखी नहीं बांधी जानी चाहिए. माना जाता है कि रावण ने भद्राकाल में ही अपनी बहन से राखी बंधवाई थी और एक साल बाद ही उसका वध हो गया था. इसलिए भद्रा में न तो राखी बांधें और न ही बंधवाएं.

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ज्‍योतिष शास्त्रियों का कहना है कि सोमवार सुबह 5:44 बजे से सुबह 9:25 बजे तक भद्रा रहेगी. इस दौरान राखी बिल्‍कुल न बांधें. राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9:25 बजे से सुबह 11:28 बजे तक रहेगा. इसके बाद शाम को 3:50 बजे से शाम 5:15 बजे तक राखी बंधवाई जा सकती है.

रक्षासूत्र लाल, पीला और सफेद तीन धागों का होना चाहिए. लाल और पीला धागा तो होना ही चाहिए. रक्षासूत्र में चन्दन लगा दें तो और उत्‍तम माना जाता है. रक्षा सूत्र न होने पर कलावा भी बांध सकते हैं.

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रक्षासूत्र को कम से कम एक पक्ष तक कलाई पर बांधे रखना चाहिए. अपने आप खुल जाए तो इसे सुरक्षित रख लें और बाद में इसे बहते जल में प्रवाह दें.