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मकर संक्रांति: कोरोना और ठंड पर भारी पड़ी आस्था, हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी

कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे के बावजूद श्रद्धालु पूरी तरह से बेफिक्र नजर आ रहे हैं. कोरोना को देखते हुए प्रशासन की तैयारियां भी धरी की धरी रह गईं.

Updated on: 14 Jan 2021, 11:11 AM

हरिद्वार:

दुनियाभर में आज हिंदू धर्म के लोग मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व मना रहे हैं. सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो उस संक्रमण काल को मकर संक्रांति कहते हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) और कड़ाके की ठंड (Extreme Cold) के बीच उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) में हजारों लोगों ने सूर्य देवता के पर्व मकर संक्रांति के मौके पर नदियों में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं.

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हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु पवित्र गंगा में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं. कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद श्रद्धालु पूरी तरह से बेफिक्र नजर आ रहे हैं. कोरोना को देखते हुए प्रशासन की तैयारियां भी धरी की धरी रह गईं. इस दौरान कई जगहों पर स्नान के मद्देनजर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन होता नजर नहीं आ रहा है.

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तमाम तरह की समस्याओं को देखते हुए भी मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है. बताते चलें कि मकर संक्रांति के मौके पर हरिद्वार प्रशासन ने राज्य के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ कोरोना की RTPCR नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है, जो 5 दिन से ज्यादा पुरानी न हो.