Advertisment

बद्रीनाथ धाम पर कोरोना का साया, कपाट खुलने से पहले यात्रा पर गए 5 जैनी श्रद्धालु संक्रमित

बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पहले धाम पर भी कोरोना वायरस महामारी का साया पड़ गया है. बद्रीनाथ यात्रा पर गए 5 जैनी श्रद्धालु कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.

author-image
Dalchand Kumar
एडिट
New Update
Badrinath Dham

कपाट खुलने से पहले बद्रीनाथ पर कोरोना का साया, 5 श्रद्धालु संक्रमित( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पहले धाम पर भी कोरोना वायरस महामारी का साया पड़ गया है. बद्रीनाथ यात्रा पर गए 5 जैनी श्रद्धालु कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. कुल 13 जैनी श्रद्धालु बद्रीनाथ की यात्रा पर पहुंच थे, जो पिछले काफी दिनों से गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में रुक रहे थे. यह जैनी श्रद्धालु पिछले काफी दिनों से क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे. वह औली और जोशीमठ में रुके गए थे. अब इन 13 की जैनी श्रद्धालुओं की कोरोना जांच की गई तो उनमें से 5 श्रद्धालुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिसकी जानकारी जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने जानकारी दी.

यह भी पढ़ें : जीवन में नहीं रहना है परेशान, तो गरुड़ पुराण की बात मानें... न करें ये काम

कोरोना पॉजिटिव श्रद्धालुओं को क्वारंटीन किया गया

जोशीमठ की उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी ने कहा कि 5 कोरोना पॉजिटिव श्रद्धालुओं को पांडुकेश्वर में क्वारंटीन कर दिया गया है. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सभी श्रद्धालुओं को वापस भेजा जाएगा. बताया जा रहा है कि बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पहले ही उप जिला अधिकारी जोशीमठ ने बिना कोरोना टेस्ट कराए ही इन श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ धाम जाने की परमिशन दी थी. जिसके बाद 5 श्रद्धालु कोरोना से संक्रमित मिले हैं. अभी भी पूरे मामले में प्रशासन लापरवाह बना हुआ है.

18 मई से खुलने हैं बद्रीनाथ धाम के कपाट

अहम बात यह है कि ये श्रद्धालु ऐसे वक्त में कोरोना संक्रमित मिले हैं, जब 18 मई से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं. चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सूत्रों की ओर से जानकारी दी गई कि भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में सवा 4 बजे खुल जाएंगे. पिछले साल 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए गए थे. बता दें कि हर साल सर्दियों के मौसम में अक्टूबर-नवंबर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाते हैं और गर्मियों के मौसम में शुभ मुहूर्त में खोले जाते हैं. कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा की भी शुरुआत होती है, लेकिन  इस बार उसे पहले ही स्थगित कर दिया गया है. 

यह भी पढ़ें : Shani Pradosh Vrat 2021: शनि दोष होगा दूर, शिवजी की मिलेगी विशेष कृपा, जानें प्रदोष व्रत का महत्व 

बदरीनाथ मंदिर से जुड़ी खास बातें

माना जाता है कि भगवान विष्णुजी ने इसी क्षेत्र में तपस्या की थी. तब महालक्ष्मी ने बदरी यानी बेर का पेड़ बनकर विष्णुजी को छाया प्रदान की थी. भगवान विष्‍णु लक्ष्मीजी के इस सर्मपण से काफी प्रसन्‍न हुए और इस जगह को बदरीनाथ धाम से प्रसिद्ध होने का वर दिया था. यह भी कहा जाता है कि महाभारत काल में श्रीकृष्ण और अर्जुन के रूप में नर-नारायण ने अवतार लिया था. यहां श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्ध बद्री, श्री आदि बद्री इन सभी रूपों में भगवान बदरीनाथ निवास करते हैं.

कपाट बंद होने पर मुनि नारद करते हैं बद्रीनाथ की पूजा

माना जाता है कि शीतकाल में नारद मुनि बद्रीनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं. कपाट खुलने के बाद यहां नर यानी रावल पूजा करने जाते हैं. यहां लीलाढुंगी नाम की एक जगह पर नारदजी का मंदिर है. कपाट बंद होने के बाद बदरीनाथ में पूजा की जिम्‍मेदारी मुनि नारद की होती है. रावल ईश्वरप्रदास नंबूदरी 2014 से बद्रीनाथ के रावल हैं. बदरीनाथ का कपाट बंद होने के बाद वे अपने गांव केरल के राघवपुरम पहुंच जाते हैं. आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा तय की गई व्यवस्था के हिसाब से ही रावल की नियुक्‍ति होती है. केरल के राघवपुरम गांव में नंबूदरी संप्रदाय के लोग रहते हैं, जहां से रावल नियुक्त होते हैं. रावल आजीवन ब्रह्मचारी होते हैं.

HIGHLIGHTS

  • बद्रीनाथ पर कोरोना का साया
  • 5 जैनी श्रद्धालु संक्रमित मिले
  • 18 मई से खुलेंगे धाम के कपाट
बद्रीनाथ धाम Badrinath Dham Yatra कोरोनावायरस Badrinath Dham Badrinath Dham Corona
Advertisment
Advertisment
Advertisment