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COVID-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मंदिरों को बंद करने की उठ रही मांग

दिल्ली में जामा मस्जिद (Jama Masjid) को फिर से बंद कर दिया गया है. देश के कई भागों में भी मंदिरों को फिर से बंद करने या श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है.

Updated on: 14 Jun 2020, 08:19 AM

highlights

  • देश के कई भागों में भी मंदिरों को फिर से बंद करने की मांग उठने लगी है.
  • गंगोत्री मंदिर समिति के तीर्थ पुरोहित भी देवस्थानम बोर्ड के फैसले के विरोध में.
  • हरियाणा औऱ बिहार में भी प्रमुख मंदिर बंद रखने के लिए पीएम मोदी को पत्र.

नई दिल्ली:

देशभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने का असर अब मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरोंपर दिखने लगा है. दिल्ली में जामा मस्जिद (Jama Masjid) को फिर से बंद कर दिया गया है. देश के कई भागों में भी मंदिरों को फिर से बंद करने या श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धामों (Temples) में पुजारियों के एक वर्ग ने मंदिरों में स्थानीय श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की है. पुजारियों ने चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त होने तक किसी श्रद्धालु को धाम में प्रवेश नहीं करने दिया जाए.

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यमुनोत्री में पंडा-पुरोहित ने श्रद्धालुओं को रोकने की रखी मांग
यमुनोत्री मंदिर समिति ने साफ-साफ कहा है कि यमुनोत्री धाम के पुरोहित और पंडा समाज देवस्थानम बोर्ड के आदेश को तब तक नहीं मानेंगे, जब तक उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण पूर्ण रूप से खत्म नहीं हो जाता. वहीं दूसरी ओर गंगोत्री मंदिर समिति के तीर्थ पुरोहित भी देवस्थानम बोर्ड के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसमें मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश की बात कही गई है. इधर हिमाचल से सटे और हरियाणा के प्रसिद्ध तीर्थस्थल आदि बद्री मंदिर को भी नहीं खोले जाने की मांग हो रही है. मंदिर के महंत फिलहाल इस मंदिर को बंद रखे जाने की मांग कर रहे हैं.

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हरियाणा के बद्री मंदिर प्रबंधन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
इस मुद्दे पर आदि बद्री मां मंत्रा देवी गोरक्षा समिति के अध्यक्ष विनय स्वरूप ने प्रशासन से कहा है कि मंदिर को फिलहाल बंद ही रखा जाए. उन्होंने प्रशासन के इस फैसले का भी विरोध किया है, जिसमें मंदिरों को अल्कोहल-युक्त सैनिटाइजर से सैनिटाइज किए जाने की बात कही गई है. दिनेश स्वरूप ने यह भी कहा है कि मंदिरों को खोलकर मंदिरों के जरिये कोरोना बढ़ाने की तैयारी हो रही है. इस बावत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा है और गुजारिश की है कि मंदिर को खोले जाने के अपने फैसले पर फिर से विचार करें.

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बैद्यनाथ धाम में भी उठ रहे मंदिर खोलने के विरोध में स्वर
इस बीच झारखंड के देवघर स्थिति विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम को अभी भी नहीं खोला गया है. मंदिर लॉकडाउन के समय से ही बंद है. मंदिर के अंदर सिर्फ सरकारी पूजा नियमित हो रही है. मंदिर प्रशासन का मानना है कि जब तक देश में कोरोना के मामले सामान्य नहीं हो जाते, तब तक मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला जाना चाहिए. बैधनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित बिहारी लाल मिश्रा कहते हैं कि बाबाधाम में कोरोना का प्रसार नहीं हो, इसलिए मंदिर को आम लोगों के लिए अभी नहीं खोला गया है. यहां तक कि विश्व प्रसिद्ध सावन मेले को भी पहली बार रद्द कर दिया गया है.