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बाबा बर्फानी के दर्शन की आस रही अधूरी, इस वर्ष नहीं होगी अमरनाथ यात्रा

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu-Kashmir Govt) ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया है.

Updated on: 21 Jul 2020, 07:35 PM

नई दिल्‍ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर सरकार (Jammu-Kashmir Govt) ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को रद्द कर दिया है. इसका ऐलान अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने कर दिया है. कोरोना वायरस की वजह से यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले अमरनाथ यात्रा 23 जून और उसके बाद 21 जुलाई से प्रारंभ होने की बात कही गई थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अभी तक यह यात्रा शुरू नहीं हो सकी है. इससे पहले यात्रा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी.

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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें कोरोना वायरस के चलते अमरनाथ यात्रा में आम लोगों/श्रद्धालुओं की गतिविधि सीमित करने या यात्रा रद्द करने को लेकर केंद्र, जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड को निर्देश देने की मांग की गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे कार्यपालिका और जिला प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दे सकते है. याचिकाकर्ता ने इसके विकल्प के रूप में इंटरनेट या टीवी के जरिए भगवान अमरनाथ के दर्शन की मांग की, ताकि देश में करोड़ों लोग इसे देख सके.

न्यायमूर्ति डीवी चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि शक्तियों के अलग-अलग होने के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए. हम इसे संबंधित प्रशासन पर छोड़ते हैं. हम इस याचिका पर सुनवाई करने नहीं जा रहे हैं. अदालत ने पाया है कि वार्षिक जत्थे को इजाजत दी जाएगी या फिर जरूरी सुरक्षा पर ध्यान रखा जाएगा कि नहीं, यह राज्य की कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है.

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न्यायमूर्ति ने अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन के वकील से कहा कि चाहे आप जिस भी समस्या के बारे में बता रहे हैं, हम जिला प्रशासन के संचालन में दखल नहीं दे सकते. याचिकाकर्ता ने कहा कि हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा दर्शन करने जाते हैं, और अगर इसकी इजाजत दी गई, तो इससे महामारी के फैलने का खतरा बढ़ जाएगा.