राजस्थान में किसान कर्जमाफी के नाम पर सामने आया करोड़ो का घोटाला
1719 किसानों में से अधिकांश खाड़ी देशों में नौकरी करते हैं. इनसे इनके नाम से 8.30 करोड़ रुपए का लिया गया और कर्ज माफी योजना के तहत इसे चुका भी दिया गया.
नई दिल्ली:
राजस्थान सरकार ने प्रस्तावित कर्ज माफी से पहले ही राज्य में 8.30 करोड़ रुपए का कर्ज माफी घोटाला सामने आया है. मामला डूंगरपूर जिले का है यहां पर गोवाडी, जेठाना और ब्रह्मानिया की कृषि बहुउद्देशीय सहकारी समीति (large agriculture multiple co-operative society) में यह घोटाला सामने आया है. जिसके बाद अब प्रदेश की सियासत गरमाती नजर आ रही है. कांग्रेस घोटाले को बीजेपी शासन के समय का बता रही है वहीं बीजेपी इस मामले में जांच की चुनौती दे रही है.
बता दें कि 1719 किसानों के नाम से फर्जी खातों के माध्यम से 8.30 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया. पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में किसानों के सरकारी बैंकों के 50 हज़ार तक के कर्ज माफी की घोषणा के समय इस कार्य को भी करवा लिया गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद में जोरदार हंगामा हुआ.
कर्ज माफी की पहले ही ऋण चुकता होने के कारण उनको ऋण माफी प्रमाण पत्र भी मिल चुके हैं. इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में की गई ऋण माफी योजना के तहत भी चुकता करने की योजना थी. जिस किसान को बैंक में ऋण देने से इनकार कर दिया था, उन्हीं किसानों के नाम से यह कर्ज लिए गए हैं. जितनी राशि मांगी थी, उसके मुकाबले अधिक राशि जारी की गई और किसानों को इस बात का पता भी नहीं है.
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1719 किसानों में से अधिकांश खाड़ी देशों में नौकरी करते हैं. इनसे इनके नाम से 8.30 करोड़ रुपए का लिया गया और कर्ज माफी योजना के तहत इसे चुका भी दिया गया. इसके बाद पता चला कि इस सूची में ऐसे किसान भी शामिल है जो रोजगार की तलाश में विदेश गए हुए हैं.
इस मामले में सहकारिता रजिस्ट्रार आईएस नीरज के पवन ने सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही 3 व्यवस्थापकों के अधिकार छीन लिए गए हैं. इसकी जांच के लिए एडिशनल रजिस्ट्रार निगरानी में एक टीम गठित की गई है. अब जांच होने के बाद ही घोटाले की वास्तविक राशि सामने आएगी.
सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना का कहना है कि जांच के लिए कमेटी बनाई गई है. इसके अलावा भी प्रदेश में सभी जगह जांच के लिए आदेश दे दिए गए हैं. घोटाले में शामिल सुपरवाइजर और उनके अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. सीएम अशोक गहलोत का कहना है जांच के बाद सब साफ हो जाएगा. किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.
दूसरी ओर बीजेपी का कहना है एक ओर जहां किसान मार्जमाफी महज थोथी घोषणा बन गया है वहीं किसानों के नाम पर फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा सरकार काँग्रेस की जांच कराए जो दोषी है उसकी सजा दे.
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गौरतलब है कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने प्रदेश के उन किसानों का रुपए 50000 तक का कर्ज माफ किया था. जिन्होंने सहकारी बैंकों से कर्ज ले रखा है. इसमें 8174 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया था.
वर्तमान सरकार ने की अलग-अलग कैटेगरी में किसानों का रुपए 200000 तक का ऋण माफ करने की घोषणा की है. इसके लिए अभी किसानों की पात्रता निश्चित करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है, जिसकी दूसरी बैठक 10 जनवरी को होगी.
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