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पटना: डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

पटना: डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

पटना: डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

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IANS
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पटना: डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 5 जून (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को छात्रों ने डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। हजारों की संख्या में जुटे छात्रों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पटना के जेपी गोलंबर पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया।

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि बिहार के लोग वोट देंगे और दूसरे राज्य के लोग यहां नौकरी पाएंगे, यह नहीं चलेगा। छात्रों ने न्याय की मांग करते हुए शिक्षक बहाली में बाहरी लोगों को नौकरी मिलने से नाराज हैं और मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं।

उनका कहना है कि नौकरी नहीं तो वोट नहीं मिलेगा। बैनर-पोस्टर लिए छात्र सीएम हाउस तक जाना चाहते थे, लेकिन जाने नहीं दिया गया। प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है कि बिहार में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ केवल बिहार के मूल निवासियों को ही मिलना चाहिए। बिहार में कम से कम 90 प्रतिशत डोमिसाइल लागू होना चाहिए।

पटना के कई कॉलेज के छात्र एक साथ गांधी मैदान पहुंच गए और ये सभी छात्र आगे बढ़ने लगे। जेपी गोलंबर के पास ही उन्हें रोक दिया गया। पुलिस ने किसी तरह उन्हें समझाया, लेकिन प्रदर्शनकारी की ओर से जमकर नारे सरकार के खिलाफ और डोमिसाइल लागू करने को लेकर मांग की गई।

बता दें कि इससे पहले बिहार स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष और छात्र नेता दिलीप कुमार ने जानकारी दी थी कि पटना में पांच जून को ‘संपूर्ण क्रांति’ दिवस पर बिहार की राजधानी पटना की सड़कें एक बार फिर छात्र आंदोलन की गवाह बनने जा रही हैं।

छात्र नेता दिलीप के नेतृत्व में छात्र संगठनों का एक बड़ा समूह राज्य में डोमिसाइल (मूल निवास प्रमाण पत्र) की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करेगा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के छात्रों के साथ नाइंसाफी होती है। उनके हक की नौकरी दूसरे राज्य के अभ्यार्थी ले रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में डोमिसाइल नीति के चलते बिहार के युवाओं को वहां पर भी नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दूसरे राज्यों के लिए कम से कम 10 प्रतिशत सीटें ही होनी चाहिए।

--आईएएनएस

एमएनपी/डीएससी

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