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कर्नाटक के धारवाड़ में अचानक अर्थी से उड़ खड़ा हुआ मुर्दा

गांववाले जिस लड़के को मरा हुआ समझकर उसका क्रियाक्रम करने के लिए ले जा रहे थे, वह अचानक ही उठ बैठा।

Updated on: 20 Feb 2017, 07:16 PM

highlights

  • क्रियाकर्म के लिए ले जाते समय वापस से जिंदा हुआ लड़का
  • कुत्ते के काटने के कारण तबीयत हुई थी खराब 

नई दिल्ली:

कर्नाटक के हुबली जिले के मानागुंडी गांव में एक चौंकाने वाली घटना घटी। गांव वाले जिस लड़के को मरा हुआ समझकर उसका क्रियाकर्म करने के लिए ले जा रहे थे। वह अचानक ही उठ बैठा। अपने क्रियाकर्म से कुछ मिनट पहले ही लड़के के वापस से जिंदा हो जाने से गांव वाले और उसके परिवार जन चौंक गए। 

उसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उसकी हालात नाजुक बताई जा रही है। एक महीने पहले कुमार मारवाड़ (17) को आवारा कुत्तों मे काट लिया था। पिछले सप्ताह उसे तेज बुखार की शिकायत पर धारवाड़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

हालात ज्यादा खराब होने के कारण कुमार को वेंटीलेटर पर रखा गया। डॉक्टर्स ने कुमार की हालत को नाजुक बताते हुए उसे लाइफ सर्पोट पर रखने की सलाह दी थी। उनका कहना था कि कुमार के शरीर में इंफेक्शन पूरी तरह से फैल गया है,ऐसे में अगर लाइफ सर्पोट पर नहीं रखा तो उसकी मौत हो जाएगी। डॉक्टर्स ने परिवार वालो से कहा था कि वे तय करेंगे उन्हे इलाज कराना है या नहीं। इसके बाद कुमार के परिवारवाले उसे घर ले आये थे।

कुमार के करीबी रिश्तेदार शरणाप्पा नाइकर ने कहा,' डॉक्टर्स ने हमे ये बताया था कि वेंटीलेटर से हटने ते बाद कुमार के बचने का आसार बहुत कम है, ऐसे में हमने उसे घर लाने का फैसला किया था।'

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कुमार के शरीर में कोई हलचल और सांस ना लेते देख रिश्तेदारों ने उसे मरा समझ लिया था। उसके बाद उन्होनें उसके क्रियाकर्म की तैयारी शुरू कर दी थी। गांव से दो किलोमीटर दूर अपने क्रियाकर्म की जगह पर पहुंचते ही कुमार फिर से जिंदा हो गया।

उसके हाथ-पैरों में हलचल होने लगी और तेजी से सांस लेने लगा। उसको वापस जिंदा देखकर रिश्तेदार अंचभें में पड़ गए और जल्दी से उसे गोकुल रोड़ पर स्थित नजदीकी अस्पताल में ले गए। वहां के डॉ. महेश के अऩुसार, 'कुमार को वेंटीलेटर पर रखा गया है। हमे लगता है कि उसे meningoencephalitis हो गया है जो कुत्ते के काटने के कारण हो जाता है।'

दिहाड़ मजदूरी करने वाले कुमार के पिता ननगप्पा औऱ मां मंजुला ने कुमार के इलाज के लिए मदद मांगते हुए कहा,'घर की सहायता के लिए कुमार ने 9वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।फिलहाल वह एक कंस्ट्रशन की साइट पर काम करता था, कुमार का बड़ा भाई दिव्यांग है, ऐसे में कुमार उनका आखिरी सहारा है।'