The truth of Kailash: तो ये है कैलाश पर्वत का सच, वैज्ञानिकों ने रहस्य से उठाया पर्दा!

The truth of Kailash: क्या आपने कभी सोचा है कि माउंट एवरेस्ट जैसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ने वाले पर्वतारोही कैलाश पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाए? यह सवाल आज भी रहस्य बना हुआ है.

The truth of Kailash: क्या आपने कभी सोचा है कि माउंट एवरेस्ट जैसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ने वाले पर्वतारोही कैलाश पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाए? यह सवाल आज भी रहस्य बना हुआ है.

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Ravi Prashant
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The truth of Kailash

क्या है कैलाश का सच? Photograph: (NN)

The truth of Kailash: कैलाश पर्वत, जिसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, दुनिया के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से एक है. यह पर्वत तिब्बत में स्थित है और हिंदू, जैन, बौद्ध और बोन धर्म के लोगों के लिए पवित्र है. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह पर्वत कई रहस्यों से घिरा हुआ है. यानी इस पर्वतमाला के इतने रहस्य है, जिसके बारे में आज भी वैज्ञानिक जानने की कोशिश में लगे हैं. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसी रहस्यमई जानकारी के बारे में बताएंगे, जो शायद आपने पहले से नहीं जानते होंगे.

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वैज्ञानिकों की नजर में कैलाश पर्वत का रहस्य

वैज्ञानिकों के अनुसार, कैलाश पर्वत की आकृति प्राकृतिक नहीं लगती, बल्कि यह एक पिरामिड जैसी संरचना प्रतीत होती है. कुछ शोधकर्ताओं का दावा है कि यह एक प्राचीन मानव निर्मित संरचना हो सकती है. वैज्ञानिकों और यात्रियों का मानना है कि कैलाश पर्वत के आसपास एक अनसीन एनर्जी मौजूद है, जो इसे चढ़ने से रोकती है.

आखिर क्यों पर्वतारोही नहीं कर पाए फतेह? 

अब तक कोई भी पर्वतारोही इस चोटी पर नहीं चढ़ पाया है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जो लोग इसे चढ़ने की कोशिश करते हैं, वे अचानक बीमार पड़ जाते हैं या रास्ते में ही लौट आते हैं. कुछ यात्रियों ने दावा किया है कि कैलाश पर्वत के पास समय तेजी से गुजरता है. कहा जाता है कि वहां कुछ घंटे बिताने के बाद लौटने वाले लोगों के बाल और नाखून कई दिनों की वृद्धि जैसे हो जाते हैं.

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कैलाश पर्वत का सच Photograph: (YT)

 

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धार्मिक मान्यताओं में कैलाश पर्वत

हिंदू धर्म में कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. जैन धर्म में इसे “अष्टपद” कहा जाता है, जहां पहले तीर्थंकर ऋषभदेव को मोक्ष प्राप्त हुआ था. वहीं, बौद्ध धर्म में इसे “मेरु पर्वत” कहा जाता है. अब तक कैलाश पर्वत की पहेली का कोई ठोस वैज्ञानिक उत्तर नहीं मिल पाया है. यह स्थान विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच एक रहस्यमयी कड़ी बना हुआ है.

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