Akash Deep Net Worth: करोड़ों के मालिक हैं बर्मिंघम टेस्ट के हीरो आकाश दीप, जानें कहां-कहां से करते हैं कमाई
प्रशांत किशोर का दिलीप जायसवाल पर आरोप निराधार: धर्मशिला गुप्ता
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारत की ऐतिहासिक जीत पर योगराज सिंह ने शुभमन गिल के नेतृत्व की सराहना की
निशिकांत दुबे की टिप्पणी भाजपा की असली सोच को उजागर करती है: नाना पटोले
दिल्ली सीएम ने यूपी के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, यमुना में अवैध रेत खनन रोकने पर मांगी मदद
महाराष्ट्र को अनैतिक बनाने की राजनीति कर रही भाजपा : सचिन सावंत
मुंबई में डेटिंग ऐप से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 21 लोग गिरफ्तार
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण : पिछले 24 घंटे में 1.18 करोड़ फॉर्म एकत्र
पिछली आप सरकार के कारनामे अब भी आ रहे बाहर: वीरेंद्र सचदेवा

ऐसा अनोखा शिवलिंग, जिसे हिंदू और मुस्लिम दोनों हैं पूजते

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सरया तिवारी गांव में एक शिवलिंग है, जिसे हिंदू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी शिवलिंग के सामने सिर झुकाते हैं. हां, आपने सही पढ़ा.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सरया तिवारी गांव में एक शिवलिंग है, जिसे हिंदू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी शिवलिंग के सामने सिर झुकाते हैं. हां, आपने सही पढ़ा.

author-image
Ravi Prashant
New Update
lord shiva facts

ऐसा क्यों होता है? Photograph: (X)

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित सरया तिवारी गांव में एक ऐसा शिवलिंग है, जिसे देखने हर साल हजारों लोग आते हैं. इस शिवलिंग की खास बात यह है कि यहां केवल हिंदू श्रद्धालु ही नहीं, बल्कि मुस्लिम भी पूजा-अराधना करते हैं. यह स्थान सांप्रदायिक सौहार्द और आस्था की मिसाल बन चुका है.

Advertisment

रोचक है यह कहानी

स्थानीय लोगों के अनुसार, इस शिवलिंग को ‘झारखंडी शिव’ के नाम से जाना जाता है. यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं. लेकिन इस स्थान की सबसे रोचक और ऐतिहासिक बात यह है कि यहां मुस्लिम भी पूरी श्रद्धा के साथ शिवलिंग के समक्ष सिर झुकाते हैं और इस्लामिक कलमा पढ़ते हैं.

नहीं तोड़ पाया मंदिर

इस शिवलिंग के पीछे एक ऐतिहासिक मान्यता जुड़ी है. कहा जाता है कि जब महमूद गजनवी ने भारत पर आक्रमण किया था, तब उसने इस मंदिर को भी नष्ट करने की कोशिश की थी. उसने शिवलिंग को तोड़ने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वह इसमें असफल रहा. शिवलिंग अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- AI ने बनाया भगवान शिव का अब तक का सबसे बेहतरीन वीडियो, हो रहा है वायरल

तोड़ नहीं पाया तो खुदवा दिया कलमा

ऐसी मान्यता है कि जब गजनवी शिवलिंग को नहीं तोड़ पाया, तो उसने इस पर इस्लाम का पवित्र कलमा खुदवा दिया. इस वजह से मुस्लिम समुदाय के लोग इस स्थान को धार्मिक दृष्टि से पूजनीय मानने लगे. तब से लेकर आज तक मुस्लिम श्रद्धालु यहां आकर कलमा पढ़ते हैं, और हिंदू भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं.

यह स्थल आज गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक बन चुका है, जहां दो धर्मों की आस्थाएं एक साथ सिर झुकाती हैं. सरया तिवारी गांव का यह प्राचीन शिवलिंग न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक सौहार्द की एक प्रेरणादायक मिसाल भी है.

ये भी पढ़ें- नदी में कहां से आया शिवलिंग, वीडियो बना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय

Religion Shivling gorakhpur Hindus
      
Advertisment