पहलगाम की रहस्यमयी कहानी: सिकंदर मिरी, गणेश प्रतिमा और लहूलुहान हुई लिद्दर नदी की दास्तान

Ganesh Statue Broken In Pahalgam: जम्मू-कश्मीर की वादियों में बसा पहलगाम... अपनी खूबसूरती के साथ-साथ कई रहस्यमयी कहानियों और दुखद घटनाओं के लिए जाना जाता है. ऐसी ही एक कहानी है लोककथाओं और आस्थाओं से जुड़ी, जो इतिहास के पन्नों में दबी रह गई. 

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Priya Singh
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Ganesh Statue Broken In Pahalgam

Ganesh Statue Broken In Pahalgam

Ganesh Statue Broken In Pahalgam: पहलगाम को अमरनाथ यात्रा का प्रमुख पड़ाव माना जाता है. यहीं पर एक प्राचीन मंदिर में भगवान गणेश की एक भव्य मूर्ति स्थापित थी. ये मूर्ति न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक तौर पर भी एक धरोहर मानी जाती थी. उस समय (14वीं सदी के अंत और 15वीं सदी की शुरुआत में) सिकंदर शाह मिरी कश्मीर का शासक हुआ करता था. उसने कट्टरपंथी सोच को अपनाते हुए कई मंदिरों को नष्ट किया था और कई मूर्तियां तोड़ी थी. इसी की वजह से उसे  'सिकंदर बुतशिकन' जिसका मतलब मूर्तिभंजक है कहा जाता था. 

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सिकंदर बुतशिकन का क्रूर रूप

सिकंदर शाह मिरी के शासनकाल का विस्तृत विवरण जोनराज द्वारा लिखित 'राजतरंगिणी' के उत्तरवर्ती खंडों में मिलता है. जोनराज, कल्हण के कार्य को आगे बढ़ाने वाले इतिहासकार थे, जिन्होंने 15वीं शताब्दी में कश्मीर के शासकों का वर्णन किया. जोनराज के अनुसार, सिकंदर शाह मिरी का शासनकाल कश्मीर के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आया. उन्हें 'बुतशिकन' (मूर्तिभंजक) की उपाधि दी गई, क्योंकि उनके शासन में कई हिंदू और बौद्ध मंदिरों को ध्वस्त किया गया. जोनराज ने उल्लेख किया है कि सिकंदर ने मार्तंड (सूर्य मंदिर), विजयेश्वर (शिव मंदिर), चक्रधारा (विष्णु मंदिर) और त्रिपुरेश्वर जैसे प्रमुख मंदिरों को नष्ट किया .

हिंदू धर्म पर लगाया जज़िया कर 

सिकंदर के शासन में हिंदू धर्म के अनुयायियों पर जज़िया कर लगाया गया, और कई ब्राह्मणों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए बाध्य किया गया. जोनराज के अनुसार, जो ब्राह्मण इस्लाम स्वीकार नहीं करते थे, उन्हें कर का भुगतान करना पड़ता था, और कई मामलों में उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता था. 

गणेश जी की मूर्ति के साथ क्या हुआ?

लोककथाओं के अनुसार, जब सिकंदर मिरी की सेना ने पहलगाम में स्थित गणेश जी की मूर्ति को तोड़ा, तो एक चमत्कारी और भयानक दृश्य सामने आया. जैसे ही मूर्ति टूटी, वहां से खून बहने लगा. वो खून बहते-बहते पास की लिद्दर नदी में जा मिला और कुछ समय के लिए नदी का पानी लाल हो गया. 

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