World’s Most Expensive Books: किताबों को ज्ञान का खजाना कहा जाता है, लेकिन कुछ किताबें ऐसी हैं, जो खुद किसी खजाने से कम नहीं. इन किताबों की कीमत करोड़ों में है. इनमें इतिहास और कलाओं का अद्भूत ज्ञान छिपा है. ये केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि संजोने के लिए हैं. क्योंकि विशेष कलाओं और जानकारियों से संबंधित ऐसी किताबें फिर शायद ही लिखी जाए. ऐसी दुर्लभ किताबों को दुनिया के अमीर लोग शौक से खरीदते हैं और संभालकर रखते हैं. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी किताबों के बारे में, जिनकी कीमत सुनकर आप चौंक जाएंगे.
भारत में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली 10 किताबें, आपको जरूर पढ़नी चाहिए
1. कोडेक्स लेस्टर: ₹250 करोड़ में बिकी एक वैज्ञानिक डायरी
इतालवी वैज्ञानिक लियोनार्डो दा विंची की लिखी नोटबुक ‘Codex Leicester’ को दुनिया की सबसे महंगी किताब माना जाता है. यह किताब 1994 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने करीब $30.8 मिलियन (लगभग ₹250 करोड़) में खरीदी थी. इसमें दा विंची के हाथ से लिखे गए वैज्ञानिक विचार और स्केच मौजूद हैं, जो इसे Rarest Books In The World बनाते हैं.
2. हेनरी द लायन की गॉस्पेल बुक: 800 साल पुराना धार्मिक ग्रंथ
12वीं सदी में लिखी गई ‘The Gospels of Henry the Lion’ किताब को 1983 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने $11.7 मिलियन में खरीदा था. यह किताब अपने समय की धार्मिक कला का बेहतरीन उदाहरण मानी जाती है, जिसमें रंगीन मिनिएचर पेंटिंग्स हैं.
3. मैग्ना कार्टा: लोकतंत्र की नींव, जिसकी कीमत है ₹170 करोड़ से अधिक
ब्रिटिश इतिहास की सबसे अहम कानूनी दस्तावेजों में से एक मैग्ना कार्टा को साल 2007 में अमेरिकी उद्योगपति डेविड रूबिनस्टीन ने $21.3 मिलियन में खरीदा था. यह किताब Costly Books Ever Sold की सूची में शामिल है. इसे लोकतंत्र और मानवाधिकारों की नींव माना जाता है.
4. बे सॉल्म बुक: अमेरिका की पहली प्रिंटेड किताब
1640 में प्रिंट की गई बे सॉल्म बुक अमेरिका में छपी पहली किताब मानी जाती है. इसकी केवल 11 कॉपीज दुनिया में बची हैं. यह किताब 2013 में $14.2 मिलियन में नीलाम हुई थी.
5. रोथ्सचाइल्ड प्रेयर बुक: यूरोपीय धार्मिक कला की मिसाल
16वीं सदी की रोथ्सचाइल्ड प्रेयर बुक एक प्रार्थना पुस्तिका है, जिसमें 67 रंगीन पेंटिंग्स हैं. इसे 2014 में $13.4 मिलियन में एक अज्ञात व्यक्ति ने खरीदा.