Advertisment

कोरोना की वजह से 18 घंटे की शिफ्ट कर रहा था डॉक्टर, बीवी ने दर्ज करा दी शिकायत

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने पति के खिलाफ इस वजह से मामला दर्ज करा दिया क्योंकि वह कोविड-19 ड्यूटी की वजह से 18-18 घंटे काम कर रहा था.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
Covid 19

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने पति के खिलाफ इस वजह से मामला दर्ज करा दिया क्योंकि वह कोविड-19 ड्यूटी की वजह से 18-18 घंटे काम कर रहा था. महिला का पति एक डॉक्टर है जो कोविड-19 महामारी के चलते अस्पताल में 18-18 घंटे की शिफ्ट कर रहा था, जिसकी वजह से उसकी शादीशुदा जिंदगी प्रभावित हुई है. हालंकि, बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिला द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया.

ये भी पढ़ें- भारतीय मूल के गौरव शर्मा न्यूजीलैंड में बने सांसद, संस्कृत भाषा में ली शपथ

माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर महिला ने न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक की पीठ को बताया कि उसकी शादी 20 साल पहले हुई थी और कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में काम के तनाव की वजह से उसकी शादीशुदा जिंदगी प्रभावित हुई. उसने कहा कि प्राथमिकी मार्च में घरेलू हिंसा के आरोपों के तहत दर्ज हुई. उस समय दंपति एक दिन में 18 घंटे तक काम करते थे.

ये भी पढ़ें- बाल कटाने गए VHP नेता की चुटिया काटी, पुलिस ने बारबर के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

अदालत हालांकि महिला के पति से पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन पुणे निवासी महिला ने कहा कि उसके पति एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर हैं. महिला ने अदालत को सूचित किया, ‘‘मार्च और अप्रैल में जब अस्पतालों में कोरोना वायरस से जुड़े कामों का बोझ बढ़ा तो काफी तनाव था. हम प्रति दिन 18 घंटे काम करते थे और इससे काफी गलतफहमियां हुईं.’’

ये भी पढ़ें- बीमार मां से मिलने पाकिस्तान गई थी हिंदू महिला, 10 महीने बाद परिवार से मिली

डिजिटल सुनवाई के दौरान उसने पीठ को बताया कि काउंसिलिंग के बाद दो बच्चों वाले दंपति ने साथ- साथ रहने का फैसला किया. प्राथमिकी को रद्द करते हुए पीठ ने कहा कि यह जानकर ‘‘काफी खुशी’’ हुई कि दंपति ने मतभेदों को सुलझाने और साथ रहने का निर्णय किया. अदालत ने कहा कि डॉक्टरों के प्रति उसका ‘‘काफी सम्मान’’ है जो महामारी से लड़ने में पूरे देश में दिन-रात काम कर रहे हैं और वह भी अपनी और परिवार की जिंदगी की कीमत पर.

Source : News Nation Bureau

mumbai mumbai news Bombay High Court doctor Covid-19 Duty
Advertisment
Advertisment
Advertisment