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U से Ugly सिखा रही थीं टीचर, जानिए फिर क्‍या हुआ

स्‍कूल में बच्‍चों को जो शिक्षा दी जाती है, वह उनके मन में हमेशा के लिए रच बस जाती है. इसलिए बच्‍चों को बहुत सोच समझकर पढ़ाया जाता है.

Updated on: 13 Jun 2020, 12:39 PM

New Delhi:

स्‍कूल में बच्‍चों को जो शिक्षा दी जाती है, वह उनके मन में हमेशा के लिए रच बस जाती है. इसलिए बच्‍चों को बहुत सोच समझकर पढ़ाया जाता है. जो किताबें बच्‍चों के लिए तैयार की जाती हैं, उसमें इस बात का विशेष ध्‍यान रखा जाता है कि उनके माध्‍यम से बच्‍चों के बीच कोई गलत जानकारी न चली जाए. अगर आप से पूछा जाए कि अंग्रेजी वर्णमाला में U से क्‍या होता है, तो आपका जवाब अम्रेला यानी छाता ही आता होगा. यही सबसे पढ़ा भी है, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आय है, जिसमें दो टीचर बच्‍चों को U से 'अगली' यानी बदसूलतर सिखा रही थीं. और हद तो यह है कि इसमें जो चित्र बना है, वह तो और भी ज्‍यादा अपमानजनक है. यह मामला पश्‍चिम बंगाल के पूर्व वर्धमान जिले का है जो सामने आया है. बच्‍चों को गलत शिक्षा देने के आरोप में निलंबित भी कर दिया गया है. 

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दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्वी वर्धमान जिले में दो शिक्षिकाओं को प्री-प्राइमरी के छात्रों को अंग्रेजी वर्णमाला की पुस्तक में सांवले रंग के लोगों के लिए अपमानजनक हिस्से को पढ़ाने के आरोप में निलंबित कर दिया है. संबंधित अक्षर से जुड़े शब्दों और छवियों को छात्रों को समझाने के लिए इस पुस्तक में ‘यू’ अक्षर से ‘अगली’ यानी बदसूरत शब्द लिखा हुआ है. अक्षर के बगल में छपा चित्र सांवले रंग के एक लड़के का है. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि यह पुस्तक शिक्षा विभाग द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा नहीं है. स्कूल ने स्वयं यह किताब शामिल की है. छात्रों के मन में पूर्वाग्रह स्थापित करने वाले किसी भी कृत्य को हम कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते भले ही स्कूल अब बंद हों, लेकिन यह मामला उस वक्त सामने आया जब स्कूल के एक छात्र के पिता उसे इस किताब से घर पर पढ़ा रहे थे. उन्होंने अन्य अभिभावकों को सूचित किया और फिर शिक्षा विभाग को इससे अवगत कराया गया.

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यह मामला भी उस वक्‍त सामने आया है, जब पूरी दुनिया में अश्‍वेत लोगों के साथ भेदभाव करने को लेकर विरोध प्रदर्शन भी चल रहे हैं. अमेरिका के जार्ज जार्ज फ्लॉयड की हत्‍या पिछले दिनों कर दी गई थी, इसके बाद लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इतना ही नहीं खेल की दुनिया के लोग भी इस मामले को लेकर सामने आए हैं. क्रिकेट से जुड़े खिलाड़ी भी सामेन आए, खासतौर पर वेस्‍टंडीज के पूर्व कप्‍तान डेरेन सैमी ने तो यहां तक आरोप लगाया कि उन्‍हें कालू कहकर पुकारा जाता था, लेकिन वे इसका मतलब नहीं जानते थे, अब उन्‍हें इसका मतलब समझ में आया है और अब वे गुस्‍से में हैं. यही नहीं क्रिस गेल ने भी पिछले दिनों इसी तरह की बात कही थी. इसके बाद क्रिकेट की दुनिया में हंगामा मच गया था.

(इनपुट भाषा)