सूरज में हुए शक्तिशाली धमाके से मुसीबत में अमेरिका और प्रशांत महासागर, वीडियो देख उड़ जाएंगे होश!

सूर्य में होने वाली हर हलचल का असर करोड़ों किलोमीटर दूर पृथ्वी पर भी देखने को मिलता है. ऐसा कुछ एक बार फिर से देखने को मिल रहा है. क्योंकि इस बार सूर्य में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ है. जिसने अमेरिका और प्रशांत महागर को मुसीबत में डाल दिया है.

सूर्य में होने वाली हर हलचल का असर करोड़ों किलोमीटर दूर पृथ्वी पर भी देखने को मिलता है. ऐसा कुछ एक बार फिर से देखने को मिल रहा है. क्योंकि इस बार सूर्य में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ है. जिसने अमेरिका और प्रशांत महागर को मुसीबत में डाल दिया है.

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Suhel Khan
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Solar Flare ( Photo Credit : Social Media)

सूरज में एक शक्तिशाली विस्फोट होने की वजह से अमेरिका और प्रशांत महासागर मुसीबत में घिर गए हैं. दरअसल, इस विस्फोट से संयुक्त राज्य अमेरिका और प्रशांत महासागर क्षेत्र के कई हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट होने की खबर है. बताया जा रहा है कि सूरज में हुआ ये विस्फोट एक सनस्पॉट के चलते हुआ है. जो रविवार को सूर्य से निकलकर लाखों किमी प्रति घंटें की गति से आंतरिक ग्रहों की ओर बढ़ता हुआ नजर आया. बताया जा रहा है कि इस जिस सनस्पॉट से ये विस्फोट हुआ है वह पृथ्वी की चौड़ाई से लगभगर सात गुना बड़ा है. इस घटना को नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने कैमरे में कैद किया है. जो लगातार सूर्य पर नजर रखता है.

सनस्पॉट से हुए विस्फोट से होता है ये नुकसान

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बता दें कि सनस्पॉट में होने वाले शक्तिशाली विस्फोट से पृथ्वी के रेडियो संचार, इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड और नेविगेशन सिग्नल प्रभावित होने का खतरा रहता है. इसके अलावा इससे अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी खतरा पैदा हो जाता है. नासा ने एक ब्लॉग अपडेट में जानकारी दी है कि इस फ्लेयर को X1.0 फ्लेयर के रूप में वर्गीकृत किया गया है. एक्स-क्लास सबसे तीव्र फ्लेयर को दर्शाता है.

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जानिए क्या होता है सनस्पॉट

बता दें कि सन सनस्पॉट का निर्माण सूरज के घूर्णन से होने वाली चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के मुड़ने और उलझने से होता है. ये सूर्य की सतह पर अंधेरे, ठंडे क्षेत्र होता है. जो सूर्य की सतह पर ऐसे क्षेत्र हैं जहां चुंबकीय क्षेत्र आसपास के क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा ताकतवर होता है. जिसके चलते सनस्पॉट काले नजर आने लगते हैं. क्योंकि वे आसपास के क्षेत्रों की तुलना में ठंडे होते हैं और सूरज की तीव्र विकिरण से गर्म होने लगते हैं.

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बता दें कि सूरज इस समय सौर चक्र 25 में है. जिसके चलते सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र सबसे अधिक सक्रिय है. जो सनस्पॉट के संख्या और आकार में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार है. स्पेसवैदर डॉट कॉम के मुताबिक, जून 2023 के लिए मासिक औसत सनस्पॉट की संख्या 163 थी, जो बीते 21 सालों में सबे अधिक थी. विशेषज्ञों का कहना है कि सौर चक्र 25 ने सौर चक्र 24 को पीछे छोड़ दिया है जो 20वीं शताब्दी के कुछ ताकतवर चक्रों को टक्कर देने की ओर बढ़ रहा है.

HIGHLIGHTS

  • सूरज में हुआ शक्तिशाली विस्फोट
  • सनस्पॉट के चलते हुआ सूरज में विस्फोट
  • US और प्रशांत महासागर क्षेत्र में हुआ रेडियो ब्लैकआउट

Source : News Nation Bureau

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