जीवन में फिर कभी सेक्स नहीं कर पाएंगे रेपिस्ट, सरकार बना रही है सख्त कानून
कानून मंत्री नसीम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है.
नई दिल्ली:
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में रेप की वारदात को अंजाम देने वाले दरिंदों के लिए नया कानून बनाया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की कैबिनेट ने शुक्रवार को बलात्कार विरोधी दो अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है. इनमें दोषी की सहमति से उन्हें रासायनिक रूप से बधिया करने और बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी गई है.
बता दें कि रासायनिक बधिया या केमिकल कास्ट्रेशन एक ऐसी रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है. डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, गुरुवार को संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी (जांच और सुनवाई) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई.
ये भी पढ़ें- दादी की इच्छा पूरी करने के लिए भाइयों ने किया ऐसा काम, हेलिकॉप्टर की गरज से गूंज उठे दो गांव
मंगलवार को संघीय कैबिनेट ने अध्यादेशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी. पहली बार रेप की वारदात को अंजाम देने वाले या अपराध दोहराने वाले दरिंदों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय की तरह माना जाएगा और इसके लिए दोषी की सहमति ली जाएगी. कानून मंत्री नसीम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि यदि सहमति लिए बिना रासायनिक बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को अदालत के समक्ष चुनौती दे सकता है.
मंत्री ने कहा कि यदि कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं हुआ तो उसके खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई होगी. जिसमें अदालत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा सुना सकती है. उन्होंने कहा कि सजा का फैसला अदालत पर निर्भर करता है. न्यायाधीश रासायनिक बधियाकरण या पीपीसी के तहत सजा का आदेश दे सकते हैं. नसीम ने कहा कि अदालत सीमित अवधि या जीवनकाल के लिए बधिया का आदेश दे सकती है .
ये भी पढ़ें- कोरोना की वजह से 18 घंटे की शिफ्ट कर रहा था डॉक्टर, बीवी ने दर्ज करा दी शिकायत
अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों में सुनवाई कराने के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है. विशेष अदालतों के लिए विशेष अभियोजकों की भी नियुक्ति की जाएगी. प्रस्तावित कानूनों के अनुसार, एक आयुक्त या उपायुक्त की अध्यक्षता में बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा ताकि प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके. इसमें आरोपी द्वारा बलात्कार पीड़ित से जिरह पर भी रोक लगा दी गई है. केवल जज और आरोपी के वकील ही पीड़ित से जिरह कर सकेंगे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Aaj Ka Panchang 26 April 2024: क्या है 26 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर