जंगल सीन की पेंटिंग की कीमत 25 लाख, वर्ष 2022 में शिल्प गुरु का अवार्ड मिला

गोपाल प्रसाद शर्मा ने अपने पूर्वजों की वित्ती चित्रण की कला को नहीं छोड़ा और इसे आधुनिकता के साथ जोड़ दिया. अब यह मिनीएचर आर्ट के रूप में जानी जाती है.

गोपाल प्रसाद शर्मा ने अपने पूर्वजों की वित्ती चित्रण की कला को नहीं छोड़ा और इसे आधुनिकता के साथ जोड़ दिया. अब यह मिनीएचर आर्ट के रूप में जानी जाती है.

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Mohit Saxena
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Jungle scene( Photo Credit : social media)

बचपन से छोटी चीजों कलाकृतियां बनाने वाले शिल्पगुरू गोपाल प्रसाद शर्मा सूरजकुंड मेले में मिनिएचर शिल्पकला से निर्मित ऐसा अदुभुत जंगल सीन की पेंटिंग लेकर आए हैं जिसकी कीमत 25 लाख रुपए की है. मेले में स्टाल नंबर 1231 पर यह जंगल सीन की पेंटिंग सभी के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गोपाल प्रसाद को मिनिएचर शिल्पकला की विरासत अपने पूर्वजों से मिली है. उनके पूर्वज भीलवाड़ा के बिजोलिया राज घराने के राज मिस्त्री हुआ करता था. उनका मुख्य कार्य राजमहल और मंदिरों में वित्ती चित्रण व मूर्तियां बनाने का था, लेकिन ब्रिटिश शासन और आजादी के बाद राजशाही समाप्त होने के बाद वित्त चित्रण भी विलुप्त की कगार पर पहुंच गई है.

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पूर्वजों की वित्ती चित्रण की कला को नहीं छोड़ा

गोपाल प्रसाद शर्मा ने अपने पूर्वजों की वित्ती चित्रण की कला को नहीं छोड़ा और इसे आधुनिकता के साथ जोड़ दिया. अब यह मिनीएचर आर्ट के रूप में जानी जाती है. मिनिएच हस्तशिल्प कला की विशेषता यह है कि बारीक से बारीक चित्र भी बहुत स्पष्ट दिखाई देता है. इसके अलावा मिनीएचर आर्ट के ब्रिटिश शासन काल, मुगल काल, शेखावटी इतिहास, पानीपत का युद्ध को दिखाया है.

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वर्ष 2014 में सूरजकुंड मेले में पहली बार 40 देशों ने शिरकत की थी

वर्ष 2022 में शिल्प गुरु का अवार्ड मिला. वर्ष 2014 में सूरजकुंड मेले में पहली बार 40 देशों ने शिरकत की थी. उस समय इन्हें परंपरागत इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया वर्ष 2010 में राजस्थान सरकार ने कलामणि पुरस्कार वर्ष 2002 में कला निध अवार्ड वर्ष 1994 में जयपुर जिला अवार्ड वर्ष 1998 में मेवाड फाउंडेशन की ओर से आयोजित महाराण सज्जन सम्मान. वर्ष 2007 में दया निधि मारन ने नेशनल अवार्ड दिया थाछह बार पदमश्री के लिए नाम प्रस्तावितगोपाल प्रसाद शर्मा ने बताया कि उनका नाम पदमश्री अवार्ड के लिए छह बार प्रस्तावित हो चुका है. दो बार राजस्थान सरकार और एक बार प्रदेश के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया ने प्रस्तावित किया था.

Source : News Nation Bureau

Jungle scene Shilp Guru award
      
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