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छिंदवाड़ा के मोहखेड़ ब्लाक में लहसून के दाम बढ़ने से किसानों ने खेतों में लगवाए कैमरे, कई किसान बने लखपति

राहुल देशमुख और पवन चौधरी कुछ इसी तरह से अपने लाखों रूपए कीमत की लहसून फसलों की निगरानी करने के लिए सीसीटीवी कैमरे की मदद ले रहे है

Updated on: 18 Feb 2024, 10:35 PM

नई दिल्ली:

लहसून के दाम सातवे आसमान है, 50 से 80 रूपए किलो तक बिकने वाला लहसून मार्केट में 400 से 500 रूपए किलों तक बिक रहा है, ऐसे में लहसून की खेती करने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है. इस फसल की सुरक्षा को लेकर किसानों की टेंशन भी इस कदर बढ़ गई है कि चोरी से बचने के लिए किसानों ने अपने खेतों में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं, ताकि खेतों से लहूसन चोरी ना होने पाए. सुनने में आश्चर्य जनक लगे लेकिन ऐसा ही नजारा मोहखेड़ के बदनूर में देखने को मिला जहां पर किसान राहुल देशमुख और पवन चौधरी कुछ इसी तरह से अपने लाखों रूपए कीमत की लहसून की फसलों की निगरानी करने के लिए सीसीटीवी कैमरे की मदद ले रहे है. राहुल देखमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि एक चोर ने उनके यहां से 8 से 10 किलो लहसून चोरी कर लिया था जिसे पुलिस ने पकड़ लिया था, वहीं इस घटना के बाद उन्होंने सीसी टीवी कैमरे लगाकर अब अपने खेतों की सुरक्षा कर रहे है.

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13 एकड़ जमीन में लहसून लगाया

राहुल देशमुख ने बताया कि उन्होंने 13 एकड़ जमीन में लहसून लगाया है जिसमें उन्होंने कुल 25 लाख रूपए खर्च किए है, इससे अब तक उन्होंने 1 करोड़ रूपए की फसल बेच ली है और अभी फसलों की तुड़ाई बाकि है, उन्होंने अपने खेत में सोलर से चलने वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं.

 4 लाख रूपए की लागत आई थी

बदनूर ग्राम के किसान पवन चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपने 4 एकड़ में लहसून की फसल लगाई है. इसमें उन्हें कुल 4 लाख रूपए की लागत आई थी, जबकि उन्हे 6 लाख का मुनाफा हुआ है. उन्होंने अपने खेतों की निगरानी के लिए 3 सीसीटीवी कैमरे लगाने पड़े. इसमें दो कैमरे उनके खुद के थे, जबकि एक कैमरा उन्हे किराया से लेना पड़ा. उन्होंने बताया कि उनके खेत से लहसून चोरी हो रहा था, जिसके चलते उन्होंने खेतों में यह कैमरे लगाए है.

 हर साल लहसून के दाम 80 रूपए किलो तक जाते थे

किसानों की मानें तो हर साल लहसून के दाम 80 रूपए किलो तक जाते थे लेकिन इस बार लहसून के दाम 300 के पार हो गए हैं. ऐसे में उन्हे तगड़ा मुनाफा हुआ है. किसानों की मानें तो यह पहली बार है, जब लहसून के दाम में तेजी देखी जा रही है. इससे पहले कभी लहसून के दाम इतने ज्यादा नहीं गए थे.