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Chandni Railway Station ( Photo Credit : News Nation)
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर बड़ा हादसा होने से बच गया. ट्रेन की स्पीड से रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग थर-थराने लगी और चंद मिनट बाद ही वह भरभरा कर गिर गया. गनीमत यह रही कि रेलवे स्टेशन काफी छोटा है. इसलिए हादसे की चपेट में लोग नहीं आए. यहां नेपानगर (Nepanagar) और असीगढ़ (Asigarh) के बीच पुष्पक एक्सप्रेस (Pushpak Express) जा रही थी. ट्रेन 110 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरी तो रेलवे स्टेशन ताश के पत्तों की तरह ढह गया. देश में इस तरह का ये पहला मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने से रेल मंत्रालय की जमकर खिंचाई की जा रही है.
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यह घटना एमपी के बुरहानपुर जिले की है. बुरहानपुर जिले स्थित मुंबई-दिल्ली लाइन पर चांदनी रेलवे स्टेशन पड़ता है. छोटा सा स्टेशन होने के कारण ज्यादातर लंबी दूरी की गाड़ियां रुकती भी नहीं हैं. बुधवार की शाम 4 बजे यहां से पुष्पक एक्सप्रेस गुजरी. जिसकी रफ्तार से इतना कंपन पैदा हुआ कि रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग भर-भराकर गिर पड़ी. गनीमत यह रही है कि उस वक्त स्टेशन की बिल्डिंग में कोई नहीं था. इससे रेलवे कर्मचारियों के साथ अन्य भी हतप्रभ हैं.
सीनियर अधिकारियों को दी गई सूचना
कंपन इतना तेज था कि स्टेशन अधीक्षक कक्ष की खिड़कियों के कांच फूट गए. बोर्ड टूटकर नीचे गिर गए. मलबा प्लेटफॉर्म पर बिखर गया. मौके पर तैनात एएसएम प्रदीप कुमार पवार ट्रेन को हरी झंडी दिखाने बाहर निकले. भवन गिरता देख दूर हो गए. उन्होंने इसकी सूचना भुसावल से एडीआरएम मनोज सिंहा, खंडवा एडीएन अजय सिंह, सीनियर डीएन राजेश चिकले को दी. मामले की जानकारी लेकर उन्होंने मौके पर भुसावल, खंडवा व बुरहानपुर की RPF (Railway Protection Force) और GRP (Government Railway Police) की तैनाती की.
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आधे घंटे तक ठप्प रहा ट्रेन संचालन
घटना के बाद पुष्पक एक्सप्रेस को एक घंटे रोका गया. हादसे से बाकी गाड़ियों का संचालन करीब आधे घंटे तक प्रभावित रहा. वहीं अप और डाउन की ट्रेनों को अथॉरिटी लैटर दिया और कॉसन पर निकाला गया. हादसे के दो घंटे तक करीब 6 बजे तक चार ट्रेनों को स्टेशन से पहले आउटर पर रोका गया और धीरे-धीरे सावधानीपूर्वक निकाला गया.
2007 में बनी थी बिल्डिंग
बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण साल 2007 में हुआ था. अभी इसके निर्माण के 17 साल ही हुए हैं और भरभरा कर गिर गया है. बिल्डिंग में पिल्लर का प्रयोग भी नहीं हुआ था इसलिए कंपन शह नहीं पाया है. वहीं, हादसे को लेकर रेलवे की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. घटना के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर मुआयना के लिए जरूर पहुंचे थे.
HIGHLIGHTS
- साल 2007 में बनाई गई थी बिल्डिंग
- सीनियर अधिकारियों को दी गई सूचना
- आधे घंटे तक ठप्प रहा ट्रेन संचालन