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अजबः बौद्ध भिक्षु ने भगवान बुद्ध के चरणों में सिर काट कर चढ़ाया

स्थानीय लोगों ने बताया कि वो इस काम की प्लानिंग पिछले पांच सालों से कर रहा था. ऐसा उसने आध्यात्मिक संत बनने के लिए किया. उसका मानना था कि जब वह अपना सिर कटेगा तो स्वयं भगवान बुद्ध प्रकट होंगे और उसका सिर अपने हाथों में पकड़ लेंगे.

Updated on: 27 Apr 2021, 02:08 PM

highlights

  • पिछले पांच साल से बलि देने की कर रहा था तैयारी
  • उसे विश्वास था कि भगवान बुद्ध पकड़ लेगें सिर
  • सरकार ने अंधविश्वास पर यकीन नहीं करने को कहा

नई दिल्ली:

भक्ति की कोई पराकाष्ठा नहीं होती, लेकिन भक्ति में भी कभी कभी लोग पागलपन कर बैठते हैं. भगवान की भक्ति अच्छी बात है लेकिन उसके लिए खुद को कष्ट देना सही नहीं है. लेकिन इसके बाद भी कई बार लोग भक्ति के नाम पर अंधविश्वास को मानने लगते हैं और पागलपन कर बैठते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ थाइलैंड (Thailand) में. थाईलैंड (Thailand) के बैंकॉक से अजोबीगरीब मामला सामने आया है. यहां एक बौद्ध भिक्षु ने भगवान बुद्ध के सामने अपनी गर्दन काटकर (Buddhist Monk Chops Off His Head) चढ़ा दी. बताया जा रहा है कि उसने ऐसा बड़ा आध्यात्मिक संत बनने के लिए किया.

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स्थानीय लोगों ने बताया कि वो इस काम की प्लानिंग पिछले पांच सालों से कर रहा था. ऐसा उसने आध्यात्मिक संत बनने के लिए किया. उसका मानना था कि जब वह अपना सिर कटेगा तो स्वयं भगवान बुद्ध प्रकट होंगे और उसका सिर अपने हाथों में पकड़ लेंगे. भगवान बुद्ध (Lord Buddha) को अपना सिर भेंट करने वाले बौद्ध भिक्षु का नाम Thammakorn Wangpreecha बताया जा रहा है. वह 68 साल का था. उनका मानना था कि यदि वे भगवान बुद्ध को अपना सिर भेंट करेंगे तो बदले में अगल जन्म में उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी. 

बुद्ध की मूर्ति के ठीक सामने दी बलि

इस भिक्षु ने बुद्ध की मूर्ति के ठीक सामने एक धारदार तलवार से अपने सिर को काट दिया. इस तलवार को ऐसे जगह पर सेट किया गया था, जिससे कटा हुआ गर्दन सीधे बुद्ध के चरणों में गिरे. इस मंदिर में 11 साल तक सेवा करने वाले इस भिक्षु ने कभी भी अपने साथी पुजारियों से इस तलवार के बारे में कुछ नहीं बताया था. वे कहते थे कि मैं भिक्षुणी को छोड़ दूंगा, लेकिन तलवार के बारे में कुछ नहीं बताउंगा.

विश्वास था कि भगवान बुद्ध पकड़ लेगें सिर

बौद्ध भिक्षु के भतीजे ने बताया कि उसके चाचा ने अपना सिर काटकर भगवान की बुद्ध की पूजा की है. पिछले पांच साल से वह ये करना चाहते थे. भतीजे ने आगे कहा कि मेरे चाचा ने अपने सिर और आत्मा को भगवान बुद्ध को सौंपा है, उन्हें अगले जन्म में इस आध्यात्मिक कर्म का फल मिलेगा. उसने बताया कि उसके चाचा ने भगवान बुद्ध की मूर्ति के सामने अपने सिर को काटा. उनका मानना था कि जैसे ही वो अपना सिर काटेंगे तो वहां भगवान बुद्ध खुद आ जाएंगे और अपने हाथों में उनका सिर पकड़ लेंगे.

पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा शव

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मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने भिक्षु के शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. पुलिस चाहती थी कि परिवार को शव सौंपने से पहले मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके. भिक्षु की मृत्यु के बाद, 300 से अधिक स्थानीय भक्त उनके शरीर का अंतिम संस्कार करन के लिए मंदिर पहुंचे. भिक्षु का शव एक ताबूत के अंदर रखा गया था, जबकि उसके सिर को उसके अनुयायियों और परिवार के सदस्यों के सामने एक जार में रखा गया था.

निवासियों को समझाने में जुटी सरकार

थाईलैंड के बौद्ध धर्म के राष्ट्रीय कार्यालय ने स्थानीय सरकार से क्षेत्र में निवासियों को समझाने के लिए कहा है. कार्यालय ने कहा कि इस तरह के काम से धर्म को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है. बौद्धों का मानना है कि अच्छे कार्यों को करना भगवान बुद्ध की प्रशंसा करने का एक तरीका है, जो उन्हें अच्छे कर्मों में लाता है जो उन्हें विश्वास करते हैं कि उनका अगला जीवन होगा.