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24 साल से कार में जिंदगी गुजार रहा था बुजुर्ग, पूर्व छात्रों ने की मदद

पूर्व छात्रों ने उनके जन्मदिवस पर 20 लाख रुपए चेक उपहार में दिया है. जोस (Jose Villarruel) छात्रों की इस पहल पर भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि ‘इस तोहफे से मेरी जिंदगी ही बदल गई है, अब मैं भी अपना घर ले सकूंगा.

Updated on: 14 Mar 2021, 12:00 PM

highlights

  • कार में ही जिंदगी गुजार रहे थे जोस
  • पूर्व छात्रों ने की मदद, सौंपा 20 लाख का चेक
  • छात्रों से मदद मिलने के बाद भावुक हो गए जोस

नई दिल्ली:

77 साल के जोस विलारूएल (Jose Villarruel) को उनके छात्रों ने उनको जो गिफ्ट दिया उससे उनके आंसू निकल पड़े.  जोस कैलीफोर्निया के रहने वाले हैं और पेशे से एक टीचर हैं. आर्थिक हालात सही नहीं होने के कारण पिछले 24 साल से कार में ही गुजारा कर रहे थे. अपने पेशे से उन्हें जो भी पैसा मिलता था. वे उसे अपने परिवार को भेज देते थे. आलम ये था कि उनके पास इतने पैसे नहीं बचते थे कि वे अपने लिए एक मकान का बंदोबश्त कर सकें. उनकी सादगी को देखते हुए पूर्व छात्रों ने उनके जन्मदिवस पर 20 लाख रुपए चेक उपहार में दिया है. जोस (Jose Villarruel) छात्रों की इस पहल पर भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि ‘इस तोहफे से मेरी जिंदगी ही बदल गई है, अब मैं भी अपना घर ले सकूंगा. जोस कैलिफोर्निया के फोंटाना शहर के स्कूल में पढ़ाते हैं.

कार में ही काट रहे थे अपनी जिंदगी

जब भी Jose Villarruel अपनी 1997 की Ford Thunderbird LX कार का दरवाजा खोलते हैं तो वह इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि वो उसे जोर से ना बंद करें. 1997 में उन्होंने एक कार खरीदी थी, तब से वो कार ही उनका घर थी. वे उसी कार में अपनी जिंदगी गुजार रहे थे. उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे अपने लिए खुद का घर खरीद सकेंगे. लेकिन अब उनका ये सपना उनके ही कुछ छात्रों की वजह से साकार होने वाला है. उनके छात्रों ने जोस के 77वें जन्मदिन पर उनको 20 लाख रुपये का चेक उपहार में दिया है. इस उपहार को लेते समय जोस काफी भावुक हो गए. 

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पूर्व छात्रों ने इकट्ठा की धनराशि

जोस के पूर्व छात्र स्टीवन बताते हैं कि वो रोजाना अपने काम पर जाने के दौरान इस बूढ़े टीचर को सुबह की शुरुआत अपनी 24 साल पुरानी कार की डिक्की से जरूरत का सामान निकालने से करते देखते थे! स्टीवन ने फैसला किया था कि वो अपने टीचर के लिए कुछ करेंगे. इसलिए उन्होंने एक फंड रेजिंग अकाउंट बनाया. वो बताते हैं, ‘हमारा लक्ष्य 5 हजार डॉलर (3.60 लाख रुपये) जुटाना था. लेकिन हमने उससे 6 गुना ज्यादा पैसे इकट्टठा कर लिए. स्टीवन ने कहा कि उन्होंने मुझ जैसे बहुत से बच्चों की जिंदगी को बेहतर बनाया है. उनके पास 1977 की फोर्ड थंडरबर्ड एलएक्स कार है, जिसे उन्होंने घर बना लिया है. मैं कई सालों से मैं उन्हें कार में ही रहते देख रहा था. एक दिन मैंने उनकी मदद का फैसला किया. 

कोरोना से मुश्किल हो गई जिंदगी

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कोरोना ने सबकी जिंदगी पर प्रभाव डाला है. जोस भी इस महामारी से बच नहीं सके. इस महामारी के कारण जोस का काम छूट गया. उनकी आय बंद हो गई. जिसके कारण उनकी जिंदगी और मुश्किल हो गई. कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हो गए. उन्हें काम मिलना मुश्किल हो गया. वे किराए का घर भी नहीं ले पा रहे थे, क्योंकि उन्हें अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा मैक्सिको में परिवार को भेजना होता है.