logo-image

मां बीड़ी बनाकर चलाती हैं घर, पुलवामा में शहीद हो गया बेटा, सरकार देगी 1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी

मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अश्विनी कुमार काछी भी भारत माता की सुरक्षा में अपने वीर साथियों के साथ शहादत को प्राप्त हो गए थे.

Updated on: 15 Feb 2019, 04:40 PM

भोपाल:

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में से एक मध्य प्रदेश जबलपुर के अश्विनी कुमार काछी भी हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अश्विनी की शहादत को नमन करते हुए उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. कमलनाथ ने जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए हमले को आतंकियों का कायराना कृत्य बताया है.

ये भी पढ़ें- Pulwama Attacks: 42 जवानों की शहादत का बदला लिए जाने के बाद 1 महीने तक फ्री सेवा देगा ये ऑटो वाला

मुख्यमंत्री कमलनाथ के दफ्तर ने शुक्रवार को शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट कर कहा, 'हमले में जबलपुर के शहीद सपूत अश्विनी कुमार काछी की शहादत को नमन करते हूं. राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये, एक आवास व परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी. दुख की घड़ी में हम उनके साथ है.'

जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार शाम हुए आतंकी हमले में मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अश्विनी कुमार काछी भी भारत माता की सुरक्षा में अपने वीर साथियों के साथ शहादत को प्राप्त हो गए थे. शहीद अश्विनी जिला मुख्‍यालय से 44 किमी दूर सिहोरा स्थित खुडावल गांव के रहने वाले थे. सीआरपीएफ की 35 वीं बटालियन में तैनात शहीद कांस्टेबल अश्विनी के परिवार में माता-पिता और 3 भाई हैं. परिवार में अश्वनी सबसे छोटे थे . शहीद अश्वनी के पिता का नाम सुकरू काछी हैं.

ये भी पढ़ें- 'मैं हिंदुस्तान के लिए मानव बम बनने के लिए तैयार हूं, मैं भले मर जाऊं लेकिन कुछ आतंकियों को साथ लेकर मर जाना चाहता हूं'

शहीद अश्‍विनी की पहली पोस्टिंग साल 2017 में श्रीनगर में हुई थी. घर के सबसे छोटे और लाडले की शहादत के खबर मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छाया हुआ है. खुडावल गांव बड़े-बूढ़ों सहित युवा और बच्चे भी अश्विनी की शहादत पर काफी दुखी हैं. बता दें कि अश्विनी अपने परिवार के इकलौते ऐसे सदस्य थे, जो सरकारी नौकरी कर रहे थे. उनके परिवार में सभी लोग मेहनत-मजदूरी कर घर चलाने में मदद करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि अश्विनी की मां स्वयं बीड़ी मजदूर हैं.