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Corona Virus : पर्यटन सेक्टर को भारी नुकसान, सरकार ने कहा- उबरने में लगेगा लंबा समय

कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने पर्यटन सेक्‍टर को भारी नुकसान पहुंचाया है. इससे कई लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है. यह संकट और भी गहरा सकता है.

Updated on: 23 Aug 2020, 04:46 PM

नई दिल्ली:

कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने पर्यटन सेक्‍टर को भारी नुकसान पहुंचाया है. इससे कई लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया है. यह संकट और भी गहरा सकता है. सीआईआई (CII) के आंकड़ों का हवाला देते हुए पर्यटन मंत्रालय (Tourism Ministry) ने स्वीकार किया है कि कोरोना महामारी ने भारत में पर्यटन सेक्टर को भारी क्षति पहुंचाई है. बताया जा रहा है कि पर्टयन क्षेत्र में दो करोड़ से अधिक नौकरियां जा सकती हैं. पर्यटन मंत्रालय के 2018-19 के आंकड़ों की मानें तो भारत के कुल रोज़गार में पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा 12.75% है. 2018-19 में इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 8.75 करोड़ लोगों को रोज़गार मिला था. पर्यटन का बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में आता है, जिसमें 70 फ़ीसदी हिस्सा छोटे और सूक्ष्म इकाइयों का है.

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परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की बैठक में पर्यटन मंत्रालय के अफसरों ने प्रजेंटेशन देते हुए कहा, 2018-19 में पर्यटन सेक्टर का कुल राजस्व 2,43,878 करोड़ रुपये था. कोरोना के चलते 2020 में अब तक इस राजस्व में कम से कम 72,611 करोड़ रुपए जबकि अधिकतम 1,58,953 करोड़ रुपए के घाटे का अनुमान है. सर्वाधिक नुकसान ब्रांडेड होटलों को होने वाला है. ब्रांडेड होटलों में 50,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपए तक के घाटे की आशंका है. इसके अलावा ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसी, टूर ऑपरेटर और एडवेंचर टूर ऑपरेटर जैसी इकाइयों में भी काफ़ी घाटे की बात कही जा रही है.

एयरलाइन और रेलवे सेवाओं के स्थगित होने से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्राएं स्थगित करनी पड़ीं जिसका असर होटल बुकिंग और टूर पैकेज रद्द होने के रूप में सामने आया. ऐतिहासिक इमारतों, सिनेमा हॉल, मॉल और रेस्तरां के बंद होने का भी असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ा. हालांकि प्रेजेंटेशन में पर्यटन सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए किए गए उपायों की जानकारी तो दी गई लेकिन यह भी कहा गया कि भविष्य के बारे में अभी ठोस रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.

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संयुक्त राष्ट्र के अधीन काम करने वाली विश्व पर्यटन संगठन का मानना है कि कोरोना से पहले की स्‍थिति कायम करने में काफी मशक्‍कत का सामना करना पड़ेगा. कोरोना काल में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही में 58% से 78% की कमी आने की बात कही जा रही है. भारत की जीडीपी में पर्यटन का कुल योगदान 2017-18 में 5.07 फ़ीसदी दर्ज़ किया गया था. उस समय पर्यटन सेक्टर से 2.11 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा हासिल हुई थी.