हसबैंड वाइफ के रिश्ते में अगर दोस्ती का डोज लगा हो तो वो रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है. साथ ही वो दोनों जिंदगी के हर उतार चढ़ाव में दिया बाती की तरह एक दूजे का साथ निभाते हैं. शादी होने के बाद कपल एक ही बेडरूम और बेड शेयर करते हैं, लेकिन हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि ऐसे भी लोग हैं जो की शादी होने के बाद भी एक बिस्तर शेयर नहीं करते हैं. लेकिन फिर भी खुश रहते हैं. लेकिन ऐसा कैसे संभव है. आइए आपको बताते हैं.
अलग -अलग बेड पर सोने के फायदे
पति-पत्नी के अलग-अलग सोने को आमतौर पर बिखरते रिश्ते के रूप में देखा जाता है. लेकिन एक सर्वे में जो रिजल्ट सामने आए, वो ये दिखाते हैं कि अलग बिस्तर पर सोना रिलेशनशिप के लिए पॉजिटिव साबित हो सकता है. नेचरपेडिक.कॉम ने करीब 800 कपल्स पर एक सर्वे किया. इसमें जोड़ों ने वो कई फायदे बताए, जो उन्हें अलग-अलग बिस्तर पर सोने के बाद महसूस हुए.
स्ट्रेस में गिरावट
सर्वे में मौजूद 60% कपल्स ने माना कि अलग-अलग बिस्तर पर सोना शुरू करने के बाद उन्हें अपने स्ट्रेस लेवल में गिरावट देखने को मिली. वो अब कम तनाव में रहते हैं. इसी तरह 60% लोगों ने ये भी माना कि अलग बिस्तर पर सोने के कारण उनकी स्लीप क्वालिटी बेहतर हुई है. वो अब बेहतर तरीके से सो पाते हैं.
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रिलेशन हुआ अमेजिंग
कपल्स ने ये भी माना कि सेपरेट बेड स्लीपिंग के चलते अब उन्हें पहले के मुकाबले जल्दी नींद आ जाती है. अलग-अलग सोना शुरू करने के बाद 37% कपल्स ने कहा कि उनकी रिलेशनशिप अब ‘अमेजिंग’ हो गई है. अलग-अलग बिस्तर चुनने के पीछे के सबसे बडे़ कारण खर्राटों की समस्या और अलग सोने व उठने का समय बनकर आए. सेपरेट बेड पर सोने का फैसला लेने वाले 82% कपल्स वो थे, जो पेरेंट्स बन चुके थे.
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