छोटी सी चोट लगते ही लोग काफी ज्यादा टेंशन में आ जाते हैं और घबराने लगते हैं. ऐसे वक्त में घबराहट होना स्वाभाविक है. कई बार हम तुरंत सोच नहीं पाते कि क्या करें और क्या नहीं और इसी जल्दबाज़ी में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो मामूली चोट को बड़ी समस्या में बदल सकती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि ऐसे टाइम में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
घबराएं नहीं
चोट चाहे छोटी हो या बड़ी, सबसे पहला कदम है. शांति बनाए रखना. अगर आप घबरा गए, तो स्थिति को ठीक से संभाल नहीं पाएंगे. खुद को या घायल व्यक्ति को मानसिक रूप से शांत करना ज़रूरी है.
घाव को साफ करें
खून बहने वाली जगह को साफ पानी से धोएं ताकि गंदगी या धूल साफ हो जाए. अगर साबुन हो तो चारों ओर का हिस्सा साफ कर सकते हैं, लेकिन घाव के अंदर साबुन न लगाएं, वरना जलन हो सकती है.
प्रेशर डालें और खून रोकें
क्लीन कॉटन या साफ कपड़ा लेकर उसे घाव पर रखें और हल्का दबाव डालें. इससे खून रुकने में मदद मिलती है. 5 मिनट तक लगातार दबाव बनाए रखें. बार-बार कपड़ा हटाने से खून और बढ़ सकता है.
एंटीसेप्टिक जरूर लगाएं
खून रुक जाने के बाद घाव पर एंटीसेप्टिक क्रीम या लिक्विड लगाएं. यह संक्रमण से बचाने का सबसे जरूरी कदम होता है. नीम, हल्दी या एलोवेरा जैसे प्राकृतिक उपाय भी हल्के घावों पर कारगर हो सकते हैं.
पट्टी करें
घाव को ढकने के लिए साफ पट्टी या बैंडेज लगाएं, लेकिन बहुत टाइट न बांधें. कसकर बांधने से खून का प्रवाह रुक सकता है.
कौन-सी गलती नहीं करनी चाहिए?
कई लोग खून देखकर तुरंत हल्दी, मिट्टी या टूथपेस्ट जैसी चीजें लगा देते हैं, जो बिल्कुल गलत है.
कब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?
जब खून 15 मिनट दबाव देने के बाद भी न रुके
अगर घाव बहुत गहरा हो या टांके लगाने की जरूरत महसूस हो
जंग लगे किसी नुकीले चीज़ से चोट लगी हो
अगर घायल व्यक्ति को चक्कर या बेहोशी जैसा महसूस हो
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