अगर आपको याद हो तो पिछले साल एक केस सामने आया था. जिसमें एक पत्नी अपने मृत व्यक्ति के स्पर्म को सुरक्षित रखने के लिए अड़ गई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने पती का दो दिनों तक पोस्टमार्टम नहीं होने दिया था. जिसके बाद लोगों के दिमाग में एक बात आ गई कि क्या मरने के बाद स्पर्म को सुरक्षित रख सकते हैं या फिर क्या वो काम कर सकता है. अक्सर आपने देखा होगा कि कई जगह पर स्पर्म डोनेशन होते हैं, तो दिमाग में आता है कि क्या मौत के बाद भी किसी युवा पुरुष का स्पर्म जिंदा रहता हैं. अगर हां तो वो कितना काम करता है. इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है, जिसका अब खुलासा रिसर्च में हुआ है. आइए आपको इसका जवाब बताते हैं.
रिसर्च में हुआ खुलासा
कुछ अध्ययन के दौरान हुई रिसर्च के मुताबिक वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह दावा किया है कि 'इंसान की मौत के 48 घंटे बाद तक उसके शुक्राणु (स्पर्म) गर्भधारण के लिए इस्तेमाल किये जा सकते हैं और उससे स्वस्थ बच्चे पैदा हो सकते हैं'. दरअसल, यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ़ मेडिकल एथिक्स' में प्रकाशित हुआ है. जिसमें दावा किया गया है कि 'इंसान की मौत के बाद उसके शुक्राणुओं को स्पर्म बैंक में जमा भी किया जा सकता है'. 'इस विधि को 'नैतिक रूप से' स्वीकार कर लेना चाहिए ताकि स्पर्म बैंकों में जमा शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाया जा सके'.
अनुमति भी दी जानी चाहिए
हालांकि, अध्ययन में कहा गया है कि 'मरने के बाद पुरुषों से लिए गए शुक्राणु दान करने की अनुमति भी दी जानी चाहिए.' इस अध्ययन को उन देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहाँ 'स्पर्म डोनेशन' से जुड़े क़ानून सख़्त होने के कारण स्पर्म बैंकों में शुक्राणुओं की मात्रा घटती जा रही है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मौत होने के 48 घंटे के भीतर दो तरीक़ों से शव के शुक्राणु निकाले जा सकते हैं जिनमें सर्जरी की मदद से शव के शुक्राणु निकालना शामिल है. बाद में इसे फ़्रिज में प्रिज़र्व करके रखा जा सकता है.
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