/newsnation/media/media_files/2025/12/01/ghee-2025-12-01-13-54-39.jpg)
Patanjali Ghee: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पतंजलि गाय के घी को लेकर प्रकाशित खबरों के संदर्भ में भ्रम की उत्पन्न हुई स्थिति पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए कहा है कि ये समाचार खाद्य सुरक्षा विभाग, पिथौरागढ़ द्वारा वर्ष 2020 में लिए गए पतंजलि गाय के घी के नमूने से जुड़े मुकदमे और न्यायालय के आदेश पर आधारित हैं.
कंपनी का कहना है कि हम उपभोक्ताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि पतंजलि हमेशा अच्छी गुणवत्ता, पारदर्शिता और कानून का पूर्ण सम्मान करते हुए उत्पाद तैयार करती है.
न्यायालय का आदेश क्यों है त्रुटिपूर्ण?
पतंजलि द्वारा विस्तृत जांच और विधिक समीक्षा के आधार पर यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित आदेश निम्न कारणों से सही नहीं है:
1. रेफरल प्रयोगशाला NABL की मान्यता प्राप्त न होना
घी की टेस्टिंग के लिए जिस लैब का उपयोग किया गया, वह NABL द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं थी. ऐसे में उसकी परीक्षण विधि की दृष्टि से स्वीकार्य नहीं मानी जाती है. यह स्थिति और भी चिंताजनक है क्योंकि एक गैर-मान्यता प्राप्त लैब ने पतंजलि के सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले गाय के घी को सब-स्टैंडर्ड बताया है.
2. उपयोग किए गए पैरामीटर का समय से लागू न होना
जिस मानक (Parameters) के आधार पर घी के नमूने को असफल बताया गया है, वे उस अवधि में लागू नहीं थे. ऐसे में उनका उपयोग करना कानूनी दृष्टि से पूरी तरह गलत है.
3. एक्सपायरी के बाद किया गया रिटेस्ट
घी के नमूनों का पुन: परीक्षण उसकी एक्सपायरी डेट समाप्त होने के बाद किया गया, जो कि कानून के अनुसार अमान्य और अवैध होता है.
पतंजलि ने दिया जवाब
इस पर पतंजलि के अधिकारी का कहना है कि उपरोक्त सभी तर्कों पर विचार किए बिना न्यायालय का प्रतिकूल आदेश पारित किया गया, जो विधिक प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है. इसी कारण पतंजलि ने आदेश के खिलाफ फूड सेफ्टी ट्राइब्यूनल में अपील दाखिल की है.
RM Value में नाम-मात्र का अंतर
अधिकारी का कहना है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि फैसले में कहीं भी पतंजलि गाय के घी को उपयोग के लिए हानिकारक नहीं बताया गया है. केवल RM Value के मानक में थोड़ा-सा अंतर पाया गया है.
क्या है RM Value?
इस मानक से घी में वोलाटाइल फैटी एसिड्स के स्तर को दर्शाता है जो गर्म करने पर स्वाभाविक रूप से उड़नशील होते हैं. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है. इससे घी की गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.
RM Value में अंतर पशुओं के आहार, जलवायु और क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर बदलता रहता है. यहां तक कि FSSAI भी समय-समय पर इस मानक में संशोधन करती रहती है. कभी क्षेत्रीय आधार पर अलग-अलग मानक, तो कभी राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत मानक होते हैं.
100% जांच के बाद उपभोक्ताओं को मिलता है घी
पतंजलि आयुर्वेद पूरे देश से गाय का दूध और घी कठोर गुणवत्ता परीक्षणों, वैज्ञानिक मानदंडों और बहु-स्तरीय जांच प्रक्रिया के बाद ही इकट्ठा करती है. फिर इसे राष्ट्रीय स्तर पर पैक कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाती है. लोगों का स्वास्थ्य, सुरक्षा और विश्वास पतंजलि के लिए सदैव सर्वोच्च प्राथमिकता है.
ये भी पढ़ें-Acharya Balkrishna Tips: आंखों की समस्या से पाना चाहते हैं छुटकारा? आचार्य बालकृष्ण ने बताया बेहद आसान तरीका
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us