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Effect of Intermittent Fasting: आजकल सोशल मीडिया पर वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का ट्रेंड काफी चल रहा है. बहुत से लोग इसे अपनाकर जल्दी वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में आई एक बड़ी स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है- इस तरीके से फास्टिंग करने वालों को हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा अधिक होता है.
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब है- दिन के कुछ घंटे बिना कुछ खाए रहना और केवल तय समय पर भोजन करना. आमतौर पर लोग 12 घंटे, 14 घंटे या 16 घंटे तक फास्ट रखते हैं. उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति रात 8 बजे खाना खाकर अगली सुबह 12 बजे दोबारा खाना खाता है, यानी वह करीब 16 घंटे कुछ नहीं खाता. लोग मानते हैं कि ऐसा करने से शरीर की फैट बर्निंग बढ़ती है और वजन तेजी से घटता है.
स्टडी में क्या सामने आया?
हाल ही में अमेरिका समेत 9 देशों (जैसे कोरिया, जापान, ईरान, ब्राजील, अमेरिका) में 1 लाख से ज्यादा लोगों पर रिसर्च की गई. इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से ब्रेकफास्ट स्किप करते हैं और लंबे समय तक खाना नहीं खाते, उनमें कई तरह की मेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. रिपोर्ट के अनुसार-
मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा 10% ज्यादा रहता है.
पेट के आसपास चर्बी जमने का खतरा 17% तक बढ़ता है.
हाई ब्लड प्रेशर का खतरा 21% ज्यादा होता है.
हार्ट डिजीज का रिस्क 26% तक बढ़ जाता है.
ब्रेकफास्ट स्किप करना क्यों है खतरनाक?
अगर आप रात 8 बजे खाना खाते हैं और सुबह 8 बजे उठकर नाश्ता नहीं करते, तो शरीर को लंबे समय तक कोई पोषण नहीं मिलता. इससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है, और शरीर में फैट जमा होना शुरू हो जाता है. लंबे समय में यह डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और हाई बीपी जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है.
क्या करें?
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग से बेहतर है कि आप संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद पर ध्यान दें. बिना डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह के लंबे समय तक फास्टिंग करना खतरनाक साबित हो सकता है.
इंटरमिटेंट फास्टिंग हर किसी के लिए नहीं है. यह कुछ लोगों पर काम कर सकती है, लेकिन अधिकतर के लिए यह शरीर की सेहत पर भारी पड़ सकती है. इसलिए वजन घटाने से पहले सेहत को प्राथमिकता दें और विशेषज्ञ की राय जरूर लें.
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