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Brass Cooking Utensils
Brass Cooking Utensils: क्या आपको याद है? जब आप गर्मी की छुट्टियों में नानी या दादी के घर जाया करते थें, तो किचन में अक्सर पीले रंग के बर्तन दिखाई पड़ते थें. इन बर्तनों में बने खाने का स्वाद बेहद लजीज और स्वाद से भरा हुआ करता था. पीले रंग के इन्हीं बर्तनों को ब्रास यानी की पीतल का बर्तन कहा जाता है. मॉडर्न लाइफस्टाइल के चक्कर में हमने इन बर्तनों को अब अपने किचन से बाहर कर दिया है. इनकी जगह अब नॉन स्टिक और एल्यूमिनियम मटेरियल से बने बर्तनों ने ले ली है. लेकिन कहते हैं न 'ओल्ड इज गोल्ड.' इसी मान्यता को प्राथमिकता देते हुए अब हेल्थ एक्सपर्ट्स ब्रास के बर्तनों को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करने की सलाह दे रहे हैं. तो आइए इस गाइड में जानते हैं कि आपको अपने किचन में पीतल के बर्तनों को क्यों शामिल करना चाहिए.
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1. स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
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आयुर्वेद में सोने के बाद पीतल को सबसे शुद्ध माना गया है. पीतल कॉपर और जिंक का मिश्र धातु है. जब आप ब्रास के बर्तन में खाना बनाते हैं, तो खाने में प्राकृतिक तरीके से जिंक आ जाता है, जो शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने और जख्म को भरने का काम करता है. Brass Cookware शरीर में मेलेनिन प्रोडक्शन के लिए भी उपयोगी है. यानी कि यह आपकी त्वचा को हानिकारक UV रेज से बचाता है और ग्लोइंग इफेक्ट देता है. ऐसा माना जाता है कि ब्रास के बर्तन में पानी पीने या खाना खाने से सांस से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं.
2. स्वाद दोगुना करता है
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क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि मंदिर के भोग या पुराने समय के खाने में ज्यादा स्वाद क्यों हुआ करता था? इसका राज उसके बर्तन में छिपा है. ब्रास के बर्तन में गर्मी बराबर फैलता है, जिससे खाना धीरे-धीरे पकता है. यह प्रक्रिया खाने के प्राकृतिक तेल और स्वाद को बना कर रखता है, जिससे दाल और सब्जी का स्वाद दोगुना हो जाता है.
3. किचन को एस्थेटिक लुक मिलता है
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इनदिनों लोग अपने किचन लुक को लेकर भी काफी सजग हो गए हैं. मॉडर्न वाइफ्स अपने किचन को एक स्टेटमेंस पीस की तरह बनाकर रखना चाहती हैं. इसके लिए, वो अपने किचन में बेहद चुनिंदा बर्तनों को शामिल करती हैं. Brass Cooking Utensils की बात करें, तो इसके बर्तन गोल्ड फिनिश में आते हैं, जो आपके किचन को शाही और एंटीक लुक देते हैं. ओपन शेल्फ पर रखा हुआ चमकदार पीतल का पतीला या कड़ाही किसी भी महंगे शोपीस से ज्यादा सुंदर लग सकता है. आजकल बड़े-बड़े होटलों और रेस्टोरेंट्स भी खाना ब्रास की हांडी में ही सर्व करते हैं. क्योंकि यह उनकी प्रेजेंटेशन को नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है.
4. बिना खराब हुए सालों-साल यूज कर सकते हैं
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नॉन‑स्टिक बर्तन मुश्किल से 1‑2 साल चलती हैं. इसके बाद उनकी कोटिंग जाने लगती है, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकती है. ब्रास के बर्तन के साथ ऐसा नहीं है. यह आपके स्वास्थ्य को गलत तरीके से प्रभावित नहीं करता है. अगर ये काला पड़ जाए या टेढ़ा हो जाए, तो आप इसे दुबारा पॉलिश और रिपेयर करवा सकते हैं. इन्हें कई साल तक बिना खराब हुए इस्तेमाल किया जा सकता है.
5. ध्यान रखने योग्य बातें
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पीतल का बर्तन जितना अच्छा होता है, उसका ध्यान भी उतना ही रखना पड़ता है. ब्रास के बर्तन में खट्टा खाना जैसे टमाटर, नींबू, दही या इमली बिल्कुल नहीं पकाना चाहिए. वरना यह बर्तन के साथ रिएक्ट कर खाने को जहरीला बना सकता है. आपको ब्रास में सब कुछ पकाना है, तो उसके अंदर टिन कोटिंग करवाएं, उसके बाद यूज करें. यह वो चांदी जैसी कोटिंग होती है, जो बर्तन के अंदर की तरफ लगाई जाती है. टिन कोटिंग होने के बाद आप उसमें कुछ भी पका सकते हैं.
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