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जम्मू-कश्मीर में 2008 के बाद इस साल सबसे ज्यादा मारे गए जवान

2008 के बाद भारत और पाकिस्तान के खराब रिश्तों के बीच इस साल सबसे ज्यादा जवानों का खून बहा।

Updated on: 18 Dec 2016, 01:00 PM

highlights

  • 2008 के बाद सबसे ज्यादा इस साल शहीद हुए जवान
  • घुसपैठ के दौरान 100 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं

 

 

ऩई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पंपोर में सेना के काफिले पर शनिवार को आंतकियों ने हमला कर तीन जवानों की हत्या कर दी। इसके साथ ही इस साल राज्य में शहीद होने वाले जवानों की संख्या बढ़कर 87 हो गई। 2008 के बाद भारत और पाकिस्तान के खराब रिश्तों के बीच इस साल सबसे ज्यादा जवानों का खून बहा।

इसका मुख्य कारण सीजफायर का उल्लंघन बढ़ना, घुसपैठ और लाइन ऑफ कंट्रोल पर हो रहे हमले हैं। साथ ही आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए राज्य में हो रहे ऑपरेशन में भी काफी जवानों ने जान गंवाई है।

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टेटर वॉच डाटा साइट साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (एसएटीपी) के मुताबिक,पिछले सप्ताह तक राज्य के विभिन्न आतंकी हमलों में 2016 में 84 सुरक्षा बलों के जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 2008 के मुंबई हमलें में मारे गए 90 सुरक्षाकर्मियों के बाद ये आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2012 में 17 मौतों के साथ ये संख्या सबसे कम थी।

वहीं 2009 में शहीदों की संख्या 78, 2013 में 61, 2014 में 51 और 2015 में 41 रहीं।

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रक्षा मंत्रालय के अनुसार 15 दिसंबर तक जम्मू कश्मीर में 60 सेना के जवान शहीद हो गए थे। वहीं 2015 में सेना में जवानों के शहीद होने वालों की संख्या 33 थी और 2014 में 32 थी।

सूत्रों के मुताबिक इस साल 100 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। उनमें से ज्यादातर घुसपैठ के दौरान मारे गए।