/newsnation/media/media_files/2025/08/15/india-russia-trade-2025-08-15-22-49-17.jpg)
India-Russia Trade Photograph: (AI)
डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ लगाने के बाद भारत और अमेरिका के संबंध निचले स्तर पर चले गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ (25 प्रतिशत टैरिफ और 25 प्रतिशत पेनाल्टी) लगाई है. दरअसल, जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्ते खराब होते नजर आ रहे हैं. हालांकि शुरुआती दौर में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि के संकेत मिल रहे थे. फरवरी में अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड डील के जरिए दोनों देशों का व्यापार 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन उसके बाद अचानक से दोनों देशों के संबंधों गिरावट देखने को मिली.
यह खबर भी पढ़ें- टैरिफ वॉर के बीच चीन ने भारत को लेकर बोल दी बड़ी बात, चिंता में पड़ सकते हैं ट्रंप
भारत-अमेरिका के रिश्तों में क्यों आई दूरियां
खासकर भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद से दोनों देशों में दूरिया देखी गईं. इसका एक कारण भारत द्वारा दोनों देशों के बीच (भारत-पाक) युद्धविराम में अमेरिका की मध्यस्थता से इनकार करना है. जबकि डोनाल्ड ट्रंप एक नहीं 30 से ज्यादा बार इस बात को अलग-अलग मंचों पर कह चुके हैं कि परमाणु संपन्न दोनों देशों के बीच उनके हस्तक्षेप से ही सीजफायर हुआ है. वहीं, रूस से कच्चे तेल खरीदना भी एक बड़ा कारण है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार बताते हुए 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ट्रंप का कहना है कि भारत द्वारा खरीदे जाने वाले तेल के पैसे का इस्तेमाल रूस यूक्रेन वॉर में कर रहा है, जिसके लिए ट्रंप ने भारत पर अलग से 25 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगाई है. इस तरह से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है, जो अमेरिका द्वारा किसी भी देश पर लगाए जाने वाले टैरिफ में सबसे ज्यादा है.
यह खबर भी पढ़ें- ट्रंप और पुतिन की मीटिंग पर क्यों टिकी है पूरी दुनिया की नजर? सबके अपने गुना-गणित
भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर
डोनाल्ड ट्रंप का साफ कहना है कि अगर भारत रूस से तेल और हथियार खरीदना बंद नहीं करता तो उस और ज्यादा टैरिफ झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर भारत रूस से तेल न खरीदे तो क्या होगा. भारतीय स्टेट बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो साल 2025-26 में भारत का ईंधन बिल 9.1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. जबकि 2026-27 में 11.7 अरब डॉलर तक जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई इस बार निर्भर करेगी कि उस समय इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमतें क्या हैं और सरकार टैक्स में कितनी राहत देती है. रिपोर्ट के अनुसार रूस से तेल खरीद कर भारत ने 2022-23 में 5.1 अरब डॉलर और 2023-24 में 8.2 अरब डॉलर बचाए हैं.