टैरिफ वॉर के बीच चीन ने भारत को लेकर बोल दी बड़ी बात, चिंता में पड़ सकते हैं ट्रंप

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर कार्य करने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर कार्य करने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.

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Mohit Sharma
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आखिर ट्रंप को चीन ने क्या सख्त संदेश दे डाला है? अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के ऊपर टैरिफ लगाने के बाद वैश्विक राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. सीमा विवाद के चलते एक दूसरे से दूर-दूर रहने वाले भारत और चीन के बीच के रिश्ते भी सुधरते हुए नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सम्मेलन में हिस्सा लेने के  चीन जा सकते हैं. अब चीन ने कहा है कि दोनों डेवलपिंग देश ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण मेंबर हैं. उन्होंने कहा कि एक दूसरे की सफलता में सहयोग करने वाला कदम दोनों देशों के लिए सही ऑप्शन है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ अपने संबंधों पर भी खुलकर बात की

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चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ अपने संबंधों पर भी खुलकर बात की. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम सहमति पर कार्य करने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है. दोनों देशों के बीच में लगातार बातचीत राजनीतिक विश्वास को भी बढ़ाएगी. इसके साथ ही हम शंघाई सहयोग संगठन जैसे बहुपक्षीय मंचों पर आदानप्रदान और सहयोग में विस्तार करके एक दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच में संबंधों को और बेहतर किया जा सके. गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच जारी टैरिफ तनाव के बीच भारत और चीन एक बार फिर से करीब आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त में ही चीन के साथ डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने का ऐलान कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी की शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए चीन यात्रा के दौरान यह घोषणा हो सकती है.

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पीएम मोदी करेंगे शी जिनपिंग से मुलाकात

आपको बता दें कि पीएम मोदी 31 अगस्त कोतियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन में राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात भी करेंगे. इधर अमेरिका काफी लंबे समय से जियोपॉलिटिक्स में नई दिल्ली को बीजिंग के विरोधी के रूप में खड़ा करने की कोशिश कर रहा है. लेकिन ट्रंप ने अपने नए कार्यकाल में भारत और चीन को लगभग एक पाले में लाकर खड़ा कर दिया है. भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने भी अमेरिका की टैरिफ घोषणा के खिलाफ मोदी सरकार को अपना नैतिक समर्थन दिया है. इतना ही नहीं ट्रंप की टैरिफ नीतियों का विरोध जताने के लिए जू ने लिखा कि धमकाने वालों को अगर 1 इंच जमीन भी देते हैं तो वह एक मील ले लेगा. यह अमेरिका के ट्रंप प्रशासन के कारण उपजी वैश्विक उधेड़बुन ही है कि चीन भारत के पक्ष में ऐसी बातें कर रहा है. वह भी जमीन हथियाने को लेकर. अब एक तरफ अमेरिका को चीन ने सख्त संदेश दे डाला है तो दूसरी तरफ अलास्का में पुतिन ट्रंप की मुलाकात से पहले भारत को अमेरिका ने नई धमकी दी है.

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अलास्का मीटिंग पर सबकी नजर

जी हां, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली अहम मीटिंग पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई है. लेकिन अमेरिका ने इस मुलाकात को भी भारत और टैरिफ वॉर से जोड़ दिया है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने धमकी दी है कि अगर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ट्रंप की बातचीत फेल होती है तो अमेरिका भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगा देगा. 

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