Weather Update: मानसून की दस्तक देने के साथ ही देश के कई इलाकों में जमकर बारिश हुई. जिससे लोगों को मई के आखिरी और जून के शुरुआती दिनों में गर्मी से राहत मिली. लेकिन दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में एक बार फिर से पारा चढ़ने लगा है. इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत में अगले एक सप्ताह तक बारिश होने की कोई संभावना नहीं है. यानी इस दौरान तापमान में और बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. वहीं मध्य भारत में मानसूनी बारिश के थमने के आसार हैं.
एक सप्ताह बाद शुरू होंगी बारिश की गतिविधियां
भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, इन इलाकों में बारिश की गतिविधियां एक सप्ताह के बाद ही शुरू होंगी, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिलेगी. इससे पहले शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में गर्मी का असर दिखने लगा और पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच गया. इस दौरान बेस वेदर स्टेशन सफदरजंग ने अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो इस मौसम के लिए सामान्य तापमान था. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की और वृद्धि होने की संभावना है.
दिल्ली में रविवार को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है और मंगलवार तक यह 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. यह इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म सप्ताह होगा. राजधानी में अब तक का सबसे अधिक तापमान 16 मई को 42.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
भारत के अन्य भागों में मानसून के फिर से सक्रिय होने से पहले एक बार फिर से गर्मी की मार झेलनी पड़ेगी.
एक सप्ताह से आगे नहीं बढ़ा मानसून
आईएमडी के मुताबिक, एक सप्ताह से अधिक समय से मानसून आगे नहीं बढ़ा है. जिससे तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है. मौसम विभाग का कहना है कि शुष्क हवा के प्रवेश के कारण 29 मई के आसपास इसकी रफ्तार रुक गई. आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, मानसून 12 से 18 जून के दौरान फिर से आगे बढ़ना शुरू होगा. मौसम विभाग के मुताबिक, अब तक देश के अधिकांश भागों में असामान्य रूप से गर्मी का असर अधिक नहीं रहा है. क्योंकि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से पहले ही आ गया.
आमतौर पर मानसून जून के अंत तक देश के अधिकांश हिस्सों और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है. वहीं दिल्ली में मानसून के पहुंचने का समय 27 जून है. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा कि, "मॉडल बताते हैं कि कम से कम 12 जून तक मानसून बहुत कमजोर रहेगा. ऐसा कमजोर मानसून प्रवाह और उत्तर-पश्चिम से शुष्क हवा के प्रवेश के कारण है. मानसून की प्रगति के दौरान अब लंबा अंतराल देखा जाने लगा है."
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