Indian Navy: भारत की समुद्र में बढ़ने जा रही है ताकत, आज नौसेना में शामिल होंगे युद्धपोत उदयगिरि और हिमगिरि

Indian Navy: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होने जा रहा है. दरअसल, मंगलवार को भारतीय नौसेना में दो अत्याधुनिक युद्धपोत को शामिल किया जाएगा. उदयगिरि और हिमगिरि नाम के इन युद्धपोत से भारत की समुद्री ताकत में बढ़ोतरी होगी

Indian Navy: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होने जा रहा है. दरअसल, मंगलवार को भारतीय नौसेना में दो अत्याधुनिक युद्धपोत को शामिल किया जाएगा. उदयगिरि और हिमगिरि नाम के इन युद्धपोत से भारत की समुद्री ताकत में बढ़ोतरी होगी

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Suhel Khan
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Indian Navy Warship

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत Photograph: (X (Twitter))

Indian Navy: भारत जमीन से लेकर आसमान और समुद्र तक अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है. मंगलवार को भारत की समुद्री ताकत में और बढ़ोतरी होगी. दरअसल, मंगलवार (26 अगस्त) को भारतीय नौसेना में दो अत्याधुनिक युद्धपोत 'उदयगिरी' और 'हिमगिरी' को शामिल किया जाएगा. इन दोनों युद्धपोत को विशाखापत्तनम में एक साथ नौसेना में शामिल किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर

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बता दें कि ये दोनों युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के स्टेल्थ फ्रिगेट्स का भाग हैं. जो भारत की रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत, उपलब्धि और 'मेक इन इंडिया' के साथ 'आत्मनिर्भर भारत' की सफलता को दर्शाते हैं. बता दें कि इसके साथ ही भारतीय नौसेना की ये भी उपलब्धि है कि 'उदयगिरि' नाम के इस युद्धपोत को  नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने ही डिजायन किया है जो उसका सौवां जहाज है.

मजबूत होगी भारत के समुद्री हितों की क्षमता

इन युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने से भारत के समुद्री हितों की झमता में बढ़ोतरी होगी. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उदयगिरी' और 'हिमगिरी' के नौसेना में शामिल होने से भारत की युद्धक क्षमता में अधिक इजाफा होगा. मंगलवार को इन दोनों युद्धपोतों की कमीशनिंग के बाद इन्हें नौसेना के पूर्वी बेड़े में शामिल किया जाएगा. जो  हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेंगे.

बता दें कि ये पहली बार है जब अलगलग शिपयार्ड में बनाए गए दो प्रमुख युद्धपोतों को एक साथ नौसेना में कमीशन किया जा रहा है. युद्धपोत 'हिमगिरी' को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) में बनाया गया है. जो पी17ए युद्धपोतों में से पहला युद्धपोत है. वहीं दूसरा युद्धपोत उदयगिरि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) में निर्मित किया गया है.

इसके साथ ही इन दोनों युद्धपोत के डिजाइन के साथ-साथ स्टेल्थ, हथियार और सेंसर प्रणालियों में भी काफी अहम सुधार किए गए हैं. इन युद्धपोत के निर्माण में करीब 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इन दोनों युद्धपोतों के नाम आईएनएस उदयगिरि (F35) और आईएनएस हिमगिरि (F3434) के नाम पर रखे गए हैं. जिन्होंने 30 से अधिक वर्षों तक भारत की सेवा की और उसके बाद उन्हें सेवामुक्त कर दिया गया.

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