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वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी में बीजेपी की जीत
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल के लिए बनाई गई जेपीसी की बैठक सोमवार को समाप्त हो गई. जिसमें विपक्ष को करारा झटका लगा. क्योंकि संसदीय समिति ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों ने प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया. जिसमें कुल 14 संशोधन पारित किए गए. जबकि विपक्षी द्वारा पेश किए गए सभी बदलावों को अस्वीकार कर दिया गया. जेपीसी समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद कहा कि समिति द्वारा अपनाये गए संशोधनों से कानून पहले से ज्यादा बेहतर और प्रभावी बनेगा.
572 संशोधनों का दिया था सुझाव
बता दें कि वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) बनाई गई थी. सोमवार को हुई जेपीसी की बैठक में बीजेपी और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया. इस दौरान विपक्ष द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को ठुकरा दिया गया. समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनाएंगे. बता दें कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर संसदीय पैनल के सदस्यों ने वक्फ के मसौदा कानून में 572 संशोधनों का सुझाव दिया था.
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#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, one of its members - TMC MP Kalyan Banerjee says, "Today, they did whatever they had fixed. They didn't allow us to speak. No rules or procedures have been followed. Initially, we had asked for documents,… pic.twitter.com/KwM7ndmdll
— ANI (@ANI) January 27, 2025
विपक्ष ने उठाए बैठक पर सवाल
इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने जेपीसी बैठक की कार्यवाही की निंदा की. यही नहीं विपक्षी सदस्यों जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को "विकृत" करने का भी आरोप लगाया. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि, "यह एक हास्यास्पद कवायद थी. हमारी बात नहीं सुनी गई. पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है."
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#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, its Chairman BJP MP Jagdambika Pal says, "...44 amendments were discussed. After detailed discussions over the course of 6 months, we sought amendments from all members. This was our final meeting... So, 14… pic.twitter.com/LEcFXr8ENP
— ANI (@ANI) January 27, 2025
जगदंबिका पाल ने खारिज किए आरोप
जबकि विपक्ष के आरोपों को जगदंबिका पाल ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत का नजरिया कायम रहा. उन्होंने कहा कि ये हमारी अंतिम बैठक की सभी सदस्यों द्वारा दिए गए संशोधनों में से 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है.